दुनियाभर में रोज आने वाले कोरोना के मामलों के औसम में पिछले हफ्ते के मुकाबले 12% का इजाफा हुआ है. विश्व स्वास्थ्य संगठन ने कहा कि कोरोना के आंकड़ों में यह उछाल ‘टिप ऑफ द आइसबर्ग’ है यानी महामारी जितनी बड़ी दिख रही है, असल में तस्वीर उससे ज्यादा भयावह है.
यूरोप और दक्षिण-पूर्व एशिया में कोरोना वायरस की लहर चिंताजनक रफ्तार से ऊपर जा रही है. दक्षिण पूर्व एशिया की बात करें तो चीन में 14 महीने बाद कोरोना ने दो की जान ली है.हांगकांग में कुल केस 10 लाख पार कर गए, जिनमें से 97% केस कोरोना की हालिया लहर में बीती फरवरी के बाद सामने आए हैं.वहां यह वायरस अब तक 5,401 जानें ले चुका है, जो चीन में 2019 में इंफेक्शन फैलने के बाद से अब तक हुई मौतों (4,636) से भी ज्यादा है.शवों को रेफ्रिजेरेटेड शिपिंग कंटेनरों में रखना पड़ रहा है, क्योंकि ताबूत खत्म हो गए हैं या बहुत मुश्किल से मिल रहे हैं.सबसे ज्यादा चिंता साउथ कोरिया बढ़ा रहा है, जहां कोरोना के कुल मामले 90 लाख पार कर गए हैं.इनमें से 16% यानी 14 लाख से ज्यादा केस तो गुरुवार से शनिवार के बीच तीन दिन में आ गए यूरोप में फ्रांस, इंग्लैंड और इटली में एक हफ्ते के भीतर मामलों में 30% से ज्यादा की बढ़त देखी गई है.भारत में भी चौथी लहर की आशंका
देश में 27 मार्च से अंतरराष्ट्रीय उड़ानें फिर शुरू होने वाली हैं.भारत में भी चौथी लहर की आशंका है..
लेकिन जानकारों का कहना है कि दिसंबर 2021 से इस साल फरवरी के बीच तीसरी लहर में ज्यादातर लोगों में वायरस के खिलाफ इम्युनिटी आ चुकी है. बड़ी आबादी को टीका लग चुका है.ऐसे में चौथी लहर के बहुत खतरनाक होने की आशंका कम है, लेकिन कोरोना से बचाव की सावधानी बरतते रहें.