उत्तराखंड की राजधानी देहरादून में बढ़ते नशो को देखते हुए मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने उठाया बड़ा कदम, हाल ही में हुए एक मीटिंग में मुख्यमंत्री ने कहा कि वर्ष 2025 तक नशामुक्त देवभूमि के लिए मिशन मोड में काम किया जाए। इसके लिए सभी संबंधित विभाग मिलकर काम करें। मुख्यमंत्री सचिवालय में नार्को कोऑर्डिनेशन (एनसीओआरडी) की बैठक की अध्यक्षता कर रहे थे। मुख्यमंत्री ने कहा कि देवभूमि उत्तराखंड को नशा मुक्त बनाने के लिए हर क्षेत्र के सभी लोगों को जिम्मेदारी और समन्वय के साथ काम करना होगा. जो भी हो, देवभूमि को नशामुक्त राज्य बनाने का लक्ष्य है, यह लक्ष्य निश्चित रूप से वर्ष 2025 तक हासिल किया जाना है। उत्तराखंड में बढ़ रहे ड्रग सप्लायर्स पर तगड़ा प्रहार करना है उनको जड़ से हटाना है। तो वहीं दूसरी ओर बच्चों और युवाओं को ड्रग्स की चपेट में आने से बचाना है। पुलिस को सख्ती बढ़ाने का आदेश देते हुए ड्रग्स सप्लाई की चेन को तोड़ने के लिए पुलिस विभाग मुखबिर तंत्र को और मजबूत करे। ड्रग्स नेटवर्क को तोड़ने के लिए पुलिस, आबकारी व ड्रग्स कंट्रोलर मिलकर काम करें।
मुख्यमंत्री ने कहा कि नशा करने वाले बच्चों और युवाओं को उचित काउंसलिंग की व्यवस्था सुनिश्चित की जाए. कॉलेजों में दाखिले के समय विशेष काउंसलिंग की जाए। मुख्यमंत्री ने कहा कि नशा करते पकड़े गए बच्चों के साथ अपराधियों जैसा व्यवहार करने की बजाय उनके पुनर्वास पर विशेष ध्यान दिया जाए. महाविद्यालयों में नियमित रूप से अभिभावक शिक्षक बैठक आयोजित की जाए। समाज कल्याण व अन्य विभागों को युवाओं की जागरूकता पर ध्यान देना चाहिए। इसके लिए सोशल मीडिया और अन्य मीडिया प्लेटफॉर्म का इस्तेमाल करना चाहिए।
मुख्यमंत्री ने प्रदेश में दो सरकारी नशा मुक्ति केंद्र बनाने के निर्देश दिये। मुख्यमंत्री ने कहा कि इसमें जरूरी सुविधाएं उपलब्ध होने के साथ स्किल डेवलपमेंट पर भी ध्यान दिया जाए। सभी संबंधित विभागों को लेते हुए एंटी ड्रग्स टास्क फोर्स को एक्टिव किया जाए. निजी नशा मुक्ति केंद्रों के लिए सख्त गाइडलाइन बनाकर उस पर फालोअप किया जाए. मुख्यमंत्री ने अपर मुख्य सचिव राधा रतूड़ी को ड्रग्स फ्री देवभूमि अभियान की नियमित समीक्षा करने के निर्देश दिये. सीएम ने कहा कि जिला स्तर पर डीएम भी लगातार मॉनिटरिंग करें.