हेल्थ पॉलिसी को करा सकते हैं पोर्ट, लेकिन इन बातों का रखना होगा ध्यान

कोरोना वायरस महामारी के बाद लोगों का ध्यान हेल्थ इंश्योरेंस की तरफ ज्यादा बढ़ा है, ऐसे में अच्छी हेल्थ पॉलिसी चुनना काफी मुश्किल है।कई बीमा कंपनियां तो ऐसी सर्विस देती हैं जिनकी वजह से आप परेशान हो जाते हैं।अगर आप भी किसी ऐसी स्थिति में फंस गए हैं तो आप अपनी पॉलिसी को पोर्ट करा सकते हैं। आइए जानते हैं कि हेल्थ पॉलिसी को पोर्ट कराने के क्या नियम हैं –
क्या होती है हेल्थ इंश्योरेंस पोर्टेबलिटी?
यह एक बेहद आसान उदाहरण से समझते है। जब आपके मोबाइल फोन में नेटवर्क गड़बड़ करने लगता है तो आप शिकायत करते हैं।ऐसे में अगर आपकी शिकायत का निवारण आपके अनुरूप नहीं होता है तो आप सिम को पोर्ट करा लेते हैं। इसी प्रक्रिया को पोर्ट कराना कहते हैं।सिम की तरह अगर आप अपनी हेल्थ पॉलिसी से खुश नहीं हैं तो आप इसे भी पोर्ट करा सकते हैं और इसे ही हेल्थ इंश्योरेंस पोर्टेबलिटी कहा जाता है।

पोर्ट कराने से पहले जान लें यह नियम

हेल्थ इंश्योरेंस पॉलिसी को पोर्ट कराने के कुछ नियम होते हैं। जैसे सबसे पहला और प्रमुख नियम यह है कि पॉलिसी को समय-समय पर रिन्यू कराते रहना चाहिए। पॉलिसी को पोर्ट कराने के लिए ग्राहक को सबसे पहले अपनी मौजूदा कंपनी को लिखित रिक्वेस्ट देनी होती है। इसके साथ उस कंपनी का भी नाम देना होता है जिसमें आप पोर्ट कराना चाहते हैं। पॉलिसी रिन्यू होने से न्यूनतम 45 दिन पहले ये रिक्वेस्ट देनी होती है।

क्या है पोर्ट कराने की प्रक्रिया?

पोर्ट कराने के लिए पॉलिसी रिन्यू होने से न्यूनतम 45 दिन पहले आवेदन करें। नई कंपनी को पोर्टेबलिटी रिक्वेस्ट मिलने के बाद वह आपको प्रपोजल और पोर्टेबलिटी फॉर्म देगी। जानकारी के लिए नई कंपनी पुरानी कंपनी से संपर्क कर सकती है। वह आपकी क्लेम हिस्ट्री और मेडिकल रिकॉर्ड्स जानने के लिए IRDAI की वेबसाइट भी खंगाल सकती है। पूरी जानकारी मिलने के बाद नई कंपनी 15 दिन में रिक्वेस्ट को स्वीकार करती है।
क्यों जरुरी है हेल्थ इंश्योरेंस पॉलिसी?

बीमारी एक ऐसी समस्या है जो कभी बताकर नहीं आती है। ऐसे में आपके और परिवार के लिए हेल्थ इंश्योरेंस पॉलिसी मददगार साबित हो सकती है।दरअसल, जब आप किसी गंभीर बीमारी बीमारी से ग्रसित होंगे तो यह पॉलिसी आपके मेडिकल खर्च में योगदान देती है। इसके के लिए आपको मासिक, त्रैमासिक या सालाना किस्त के रूप में पैसा जमा करना होता है।
पॉलिसी लेते समय इन बातों पर भी दें ध्यान

बढ़ती महंगाई और भविष्य को देखते हुए ऐसी पॉलिसी को चुनें जो हर क्लेम फ्री ईयर पर आपके इंश्‍योरेंस को बढ़ाएं। ग्राहक को समय-समय पर पॉलिसी रिन्यू कराते रहना चाहिए। जरूरत से ज्यादा इंश्योरेंस प्लान खरीदने से बचना चाहिए, ताकि आर्थिक बोझ न पड़े। हेल्थ पॉलिसी लेने से पहले उनसे मिलने वाले फायदों के बारे में जरूर पढ़ें।ऐसी इंश्योरेंस पॉलिसी का चुनाव करें जो कम वेटिंग पीरियड में बीमारियों को कवर करे।

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