लम्बे समय बाद उत्तराखंड की लाइफलाइन यानी विश्व प्रसिद्ध चार धाम यात्रा अपनी भव्यता के साथ शुरू तो हो गयी थी। लेकिन समय बीतने के साथ साथ चुनौतियाँ भी बढ़ीं और अब तक कई दर्जन तीर्थयात्री अपनी ज़िंदगी खो चुके हैं। ख़ास बात ये है कि चार धाम में हार्ट अटैक से तीर्थयात्रियों की मौत के बढ़ते मामलों ने चिंता बढ़ा दी है। चारधाम यात्रा के दौरान बदलते मौसम और ऊंचाई वाले धामों में बर्फबारी के बीच स्वास्थ्य सचिव राधिका झा ने दिशा निर्देश जारी करते हुए खा है कि 50 वर्ष से अधिक आयु वाले सभी यात्रियों की हेल्थ स्क्रीनिंग ज़रूर की जाए।
चौबीस घंटे के भीतर केदारनाथ यात्रा में चार यात्रियों की दिल का दौरा पड़ने से मौत हो गई है। पुलिस ने शवों का पंचनामा भरकर पोस्टमार्टम के लिए जिला चिकित्सालय रुद्रप्रयाग भेज दिया है। कपाट खुलने के बाद से अभी तक 34 यात्रियों की मौत हो चुकी है। बीते सोमवार देर शाम को रविंद्र नाथ (56), प्रतापगढ़, उत्तर प्रदेश की सोनप्रयाग में तबीयत खराब हो गई थी। उन्हें प्राथमिक उपचार के बाद एंबुलेंस से जिला चिकित्सालय रुद्रप्रयाग रेफर किया गया।
यहां उपचार के दौरान उनकी मौत हो गई। वहीं, अनीता राय सिंधे (65), निवासी ग्राम भागला, जिला औरंगाबाद, महाराष्ट्र, मानकुंवर नागर (60), निवासी मध्य प्रदेश और लता कमावत (56), निवासी नथवाड़ा, राजस्थान को बड़ी लिनचोली, बेस कैंप और सोनप्रयाग में दिल का दौरा पड़ा था। इन्हें नजदीकी एमआरपी व अस्पताल में लाया गया।
जहां चिकित्सकों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया। सीएमओ डा. बीके शुक्ला ने बताया कि कपाट खुलने के बाद से अभी तक 34 यात्रियों की मौत हो चुकी है, जिसमें 33 की मौत का कारण दिल का दौरा पड़ना रहा है। जबकि एक यात्री की गौरीकुंड में पैर फिसलने से खाई में गिरकर मौत हुई थी।
चारधाम यात्रा के दौरान बदलते मौसम और ऊंचाई वाले धामों में बर्फबारी के बीच स्वास्थ्य सचिव राधिका झा ने दिशा निर्देश जारी किए। उन्होंने सभी सीएमओ को कहा है कि वह 50 वर्ष से अधिक आयु वाले सभी यात्रियों की हेल्थ स्क्रीनिंग करें। ताकि अनुकूल स्वास्थ्य न होने पर ऐसे यात्रियों को आगे की यात्रा स्थगित करने के बारे में परामर्श दिया जा सके। सरकार भी अब बेहद सतर्कता से इस हाउसफुल हो चुकी यात्रा को आगे बढ़ाना चाहती है जिससे बिना किसी जनहानि के लोगों को सुरक्षित दर्शन और उनके स्वस्थ प्रस्थान को सुनिश्चित किया जा सके।