आप सभी ने कभी ना कभी यह नोटिस किया होगा कि कभी-कभी हाथ मिलाने पर या किसी चीज़ को छूने पर शरीर में एक दम करंट लगता है या चट सी आवाज़ आती है। इसी के साथ कभी कभी चादर से चटचट की आवाज़ आती है। अगर आपने यह सुना होगा तो ग़ौर तो ज़रूर किया होगा, लेकिन क्या आपको पता है कि ऐसा क्यों होता है? जी दरअसल, इसके पीछे वैज्ञानिक कारण है जो आज हम आपको बताने जा रहे हैं। जी दरअसल करंट मौसम के बदलने पर लगता है, हालांकि सर्दी के शुरुआती दिनों में ऐसा ज्यादा होता है। वहीं अगर हम विज्ञान के द्वारा बताई गई बातों को मानें तो, इलेक्ट्रॉन और मौसम में नमी की मात्रा घटने और बढ़ने से करंट लगता है।
जी हाँ और यही दो कारण होते हैं जो करंट लगना या न लगना तय करते हैं। कहा जाता है इलेक्ट्रॉन करंट का कारण होते हैं, लेकिन ये किस तरह से काम करते हैं तो करंट लगता है वह भी हम आपको बताते हैं। जी दरअसल, जब मौसम ज्यादा ठंडा हो जता है, तो हवा में नमी ख़त्म हो जाती है ऐसे में इंसान के शरीर पर इलेक्ट्रॉन विकसित हो जाते हैं। यह सभी इलेक्ट्रॉन नेगेटिव और पॉजिटिव होते हैं। जैसे- ‘जब एक नेगेटिव इलेक्ट्रॉन वाला हाथ पॉजिटिव इलेक्ट्रॉन वाले हाथ से मिलता है तो करंट लगता है और आवाज़ आती है।’अब आप कहेंगे कि ऐसा सर्दी में ही क्यों होता है तो इसका भी एक कारण है। जी दरअसल गर्मी के मौसम में नमीं ज़्यादा रहती है, जिससे इलेक्ट्रॉन त्वचा पर विकसित नहीं हो पाते हैं और करंट नहीं लगता है। केवल यही नहीं बल्कि इसके अलावा, गर्मी में उन लोगों के साथ ऐसा होता है, जिससे त्वचा में नमीं नहीं रहती है। ऐसे में आप यह भी जान लीजिये कि इलेक्ट्रॉन क्या होता है जी दरअसल इलेक्ट्रॉन एक ऋणात्मक (Negative) विद्युत आवेश वाला उप-परमाणु कण है। वहीं अन्य प्राथमिक कणों की तरह इलेक्ट्रॉनों में कणों और तरंगों दोनों के गुण होते हैं, जो अन्य कणों से टकरा सकते हैं और उन्हें प्रकाश की तरह अलग भी किया जा सकता है, लेकिन इलेक्ट्रॉन को नग्न आंखों से देखा नहीं जा सकता।