यातना की भट्टी में तपकर विधायक बने पत्रकार उमेश कुमार 

विशेष रिपोर्ट – आशीष तिवारी ,खानपुर विधानसभा सीट को लंढौरा रियासत के प्रभाव वाली हाई प्रोफाइल सीट मानी जाती है। चुनाव शुरू होने से पहले वहां २०२२ में त्रिकोणीय मुकाबला माना जा रहा था। एक तरफ थी खानपुर विधानसभा सीट से वर्तमान विधायक कुंवर प्रणव सिंह चैम्पियन की पत्नी रानी देवयानी सिंह जिनको बड़े हिसाब किताब के बाद बीजेपी ने चुनाव मैदान में उतारा था। वहीं दूसरी ओर स्थानीय लोगो के बीच लम्बे समय से सक्रिय रहे और इसी सीट से पहले भी चुनाव लड़ चुके चौधरी रविन्द्र पनियाला बसपा के झंडे तले चुनाव मैदान में थे। लेकिन असली खिलाड़ी तो वो था जिसने बड़े दिलेरी से चुनाव लड़ा , एक एक वोटर तक पहुंचा , क्षेत्र की समस्या और जन हित के मुद्दों पर पेश पेश रहाक्रांतिकारी पत्रकार और खानपुर का दुलारा बनकर बीते कुछ ही महीने में जिसने रियासत की सियासत को ध्वस्त कर दिया वो नाम है उत्तराखंड विधानसभा में विजयी होकर राजनीति की दहलीज पार करने वाला देश का चर्चित पत्रकार उमेश कुमार –

टीम उमेश कुमार और जीवन संगिनी सोनिया शर्मा ने लक्ष्य किया आसान –
खानपुर उत्तराखंड की राजनैतिक ज़मीन पर सबसे गर्म हिस्सा बताया जा रहा था क्योंकि यहाँ के मौजूदा विधायक चैम्पियन का विवादों से लेकर दबंग व्यक्तित्व सबसे बड़ा तिलस्म था.बीजेपी प्रत्याशी रानी देवयानी और राजनीति में अच्छी दखल अंदाजी रखने वाले चौधरी रविन्द्र पनियाला के बीच खांटी पत्रकार उमेश कुमार के लिए हांलाकि राजनैतिक सफर का आग़ाज़ा आसान नहीं था लेकिन जिस तरफ से टीम उमेश कुमार और खुद उनकी पत्नी सोनिया शर्मा ने जनता के बीच तेज़ी से अपना भरोसा कायम किया और अपनी पहुँच बनाते हुए एक तिलिस्म को तोड़ना शुरू किया , उसके बाद ये लगने लगा था कि खानपुर में इस बार कुछ तो अनोखा होने वाला है।

लोकप्रियता का परचम थामे उमेश भैया ने जीता खानपुर का भरोसा –

बेहद कम समय में खानपुर की जनता के मन और भरोसे पर अपनी मजबूत पकड़ बनाने वाले उमेश कुमार लोगों के बीच एक नई उम्मीद बने और अपने व्यक्तिगत बजट से जिस तरह से जनहित के मुद्दों पर योजनाबद्ध तरीके से काम करना शुरू किया उससे उनकी पहचान एक मसीहा के तौर पर और छवि समाजसेवी व्यक्तित्व बन कर इस करद उभरी कि जब 14 फ़रवरी को खानपुर अपने घरों से निकल कर मतदान केंद्र में ईवीएम की बटन तक पहुंचा तो उसके मन में सिर्फ और सिर्फ उमेश भैया का चेहरा ही सामने दिखता रहा और आज जब 10 मार्च को नतीजे सामने आये तो उत्तराखंड की राजनीति में इतिहास लिखा जा चुका था और खानपुर के उमेश भैया लोकप्रियता का परचम थामे विधायक बन कर राजनैतिक सफर का आगाज़ करने निकल पड़े हैं।

राजशाही का टूटा तिलिस्म – लोगों को मिला मसीहा –

आपको बता दें कि खानपुर विधानसभा सीट पर बसपा का जितना अच्छा वोट बैंक है उतनी ही मजबूत पकड़ कई बार के विधायक कुंवर प्रणव सिंह चैम्पियन की भी मानी जाती रही है। लेकिन कहते हैं न कि जनता से बड़ा कोई न्यायाधीश नहीं है और लोकतंत्र में वोट से बड़ी कोई ताक़त नहीं है लिहाज़ा देर शाम जब देश की मीडिया जगत का बड़ा सितारा उमेश कुमार जीत का गुलाल लगाए अपनी जनता के बीच पहुंचा तो लोगों को लगा कि जैसे पूरा खानपुर ही विधायक बन गया है। उमेश शर्मा बसपा ओर बीजेपी दोनों से ही नाराज चल रहे लोगों के दिलो बहुत कम समय मे अपनी पहचान बनाने में कामयाब हो रहे थे। वरिष्ठ पत्रकार उमेश कुमार से न्यूज़ वायरस ने जब बात की तो उन्होंने कहा कि उनका मुकाबला ही नहीं है क्योंकि खानपुर की जनता ने उन्हें अपना मान लिया है और लोग राजशाही और गुलामी की परम्परा से आज़ादी चाहते हैं। उमेश कुमार ने कहा कि लोगों ने उन्हें बहुत अच्छा समर्थन दिया है , उनके काम को समर्थन दिया है 20 सालों से जो काम रुके हुए थे उन्हें पूरा किया जा रहा है और अब विकास की जो ज़रूरत उनकी खानपुर विधानसभा को है उसको पूरा करना ही उनका लक्ष्य है।

हिंदी दैनिक न्यूज़ वायरस समूह के ग्रुप एडिटर सलीम सैफ़ी ने दी बधाई –

हिंदी दैनिक न्यूज़ वायरस समूह के ग्रुप एडिटर सलीम सैफ़ी ने पत्रकार से विधायक बने अपने मित्र उमेश कुमार की जीत पर यूँ तो चुनाव से पहले ही जीत की भविष्यवाणी कर दी थी लेकिन नतीजों के बाद सलीम सैफ़ी ने बधाई देते हुए कहा कि उमेश कुमार का लक्ष्य केवल विधायक बनना ही नहीं है क्योंकि प्रदेश को उनके युवा नेतृत्व की भी ज़रूरत है ऐसे में वो उमेश कुमार को भविष्य में सीएम की कुर्सी तक पहुँच सकते हैं , बस बात समय की है। उन्होंने आगे कहा कि अभी जनता ने जो ज़िम्मेदारी उमेश कुमार को दी है उसमें खानपुर की जनता को कोई निराशा नहीं होगी।

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