न्यूज़ वायरस के लिए संजय कुमार की रिपोर्ट
यु तो भारत देश में बहुत सी गाड़ियां चलती है और आपने अवश्य देखा ही होगा अलग-अलग गाड़ियों में अलग-अलग रंग की नंबर प्लेट लगी होती है. किन्हीं गाड़ियों के नंबर प्लेट सफेद रंग के, पीले रंग के, लाल रंग के, नीली रंग के, काली रंग के, और किन्हीं गाड़ियों के हरा रंग के भी नंबर प्लेट होते है। तो फिर भारतीय सेना की गाड़ियों के नंबर प्लेट के आगे तीर का निशान क्यों होता है? न्यूज़ वायरस टीम आपके इन्हीं सवालों का जवाब इस खबर में दे रहा है।आज हम आपको भारतीय सेना की गाड़ियों से जुड़ी खास बात बताने जा रहे हैं. आपको शायद पता न हो कि देश में गाड़ियों के लिए बने कानून सेना की गाड़ियों पर लागू नहीं होते. सेना की गाड़ियों के लिए रक्षा मंत्रालय ने अलग कानून बनाए हैं. साथ ही इन गाड़ियों का पूरा ब्यौरा भी रक्षा मंत्रालय के पास ही होता है. आपने कभी न कभी नोटिस तो जरूर किया होगा या देखा होगा कि भारतीय सेना की गाड़ियों के नंबर प्लेट पर आगे एक तीर का निशान बना हुआ होता है. उसके बाद बाकी के नंबर लिखे होते हैं. न्यूज़ वायरस की टीम आपको भारतीय सेना की गाड़ियों के नंबर प्लेट पर नंबर किस सिस्टम से लिखा होता है वो बताने जा रही है।
नंबर प्लेट पर सबसे पहले तीर का निशान होता है, यह तीर ऊपर की तरफ बना होता है. आपको बता दे तीर के निशान को ब्रॉड ऐरो (BroadArrow) कहा जाता है. इस तीर का दूसरा कारण ये भी है, की इस तीर से ये दर्शाया जाता है की ये एक सरकारी संपत्ति है। और इस नंबर प्लेट का सबसे मुख्य कारण ये है, की यदि किसी दुर्घटना में गाड़ी पलट जाए तो इसका नंबर आसानी से पढ़ा जा सके. ब्रिटिश कॉमनवेल्थ में आज भी नंबर प्लेट्स पर इस तीर के निशान का प्रयोग किया जाता है. इसके बाद सेना को जिस साल में वह गाड़ी मिली उस साल के आखिरी दो अंक लिखे होते हैं. इसके बाद बेस का कोड लिखा होता है और फिर गाड़ी नंबर लिखा होता है और आखिरी में वाहन की श्रेणी।
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