विशेष रिपोर्ट – आशीष तिवारी
उत्तराखंड विधानसभा चुनाव में बीजेपी को जहाँ जनता ने एक बार फिर बहुमत दे दिया है तो वहीँ कांग्रेस को नकार दिया है। लेकिन जिस तरह से इस बार अप्रत्याशित तरीके से मुख्यमंत्री की हार हुयी और कई विधायकों की जीत हार बेहद करीबी रही उसने विजेता उम्मीदवार को सोचने पर मजबूर किया है कि अगर उन्होंने अब जनता का भरोसा नहीं कमाया तो उनकी राह मुश्किल हो सकती है। इस जीत के साथ बीजेपी ने उस मिथक को तोड़ दिया है,
जिसमें माना जाता है कि कोई भी पार्टी लगातार दूसरी बार उत्तराखंड की सत्ता में नहीं आती है. उत्तराखंड में विधानसभा की कुल 70 सीटें हैं. बीजेपी को 47 सीटों पर जीत मिली है. कांग्रेस के हिस्से 19 सीटें आई हैं. बहुजन समाज पार्टी को दो और 2 सीटों से निर्दलीय उम्मीदवार विजयी हुए हैं. उत्तराखंड में कई सीटें ऐसी हैं, जहां हार-जीत का अंतर 1000 वोट से भी कम रहा. इसकी वजह से काउंटिंग के आखिरी राउंड तक कई प्रत्याशियों की सांस अटकी रही. आइए जानते हैं कि उत्तराखंड की 10 सबसे करीबी जीत कौन सी हैं.
उत्तराखंड में बीजेपी का मत प्रतिशत सबसे अधिक रहा. उसे 44.33% वोट हासिल हुए, जबकि कांग्रेस दूसरे नंबर पर रही. कांग्रेस को 37.91% वोट मिले. राज्य में अभी तक नए सीएम को लेकर बीजेपी की तरफ से कोई फैसला नहीं हो सका है. हालांकि ये भी चर्चा है कि रमेश चंद्र पोखरियाल भी कतार में हैं. वहीं एक नए सीएम पर टिप्पणी करते हुए पोखरियाल ने कहा जिसे विधायक अपना नेता चुनेंगे वहीं राज्य की सीएम होगा. उन्होंने जोर देकर कहा कि सभी संभावित सीएम उम्मीदवार को मुख्यमंत्री बनने के लिए विधायकों का समर्थन जुटाना होगा.
उत्तराखंड में इस साल के विधानसभा चुनावों में आम आदमी पार्टी ने भी हिस्सा लिया था. आम आदमी पार्टी ने बिजली पानी मुफ्त की घोषणा भी की, लेकिन सभी 70 सीटों पर उम्मीदवार उतारने के बावजूद भी उसे एक भी सीट पर जीत हासिल नहीं हुई है. इतना ही नहीं गंगोत्री सीट से आम आदमी पार्टी के मुख्यमंत्री चेहरे अजय कोठियाल भी अपनी सीट नहीं बचा सके. आम आदमी पार्टी को राज्य में तीन फीसदी से कुछ ज्यादा मत मिले.