उत्तराखंड में लिंगानुपात को सुधारने के लिए विभागीय मंत्री रेखा आर्य अब भगवान शिव की शरण में जाने वाली हैं। आपको सुनकर आपको थोड़ा अजीब लगेगा लेकिन योजना यही है कि कांवड़ यात्रा में पदयात्रा कर बेटी बचाओ का सन्देश दिया जाये। उत्तराखंड की महिला सशक्तिकरण एवं बाल विकास मंत्री रेखा आर्य ने बड़ा संकल्प लिया है। प्रदेश में लिंगानुपात को समान करने के लिए उन्होंने शिवरात्रि के दिन से एक अभियान शुरू करने की बात कही हैं। मंत्री रेखा आर्य का कहना है कि 26 जुलाई को हरकी पैड़ी से मां गंगा के पूजन और साधु संतों के आशीर्वाद साथ यह अभियान शुरू किया जाएगा. ‘देवियों की भूमि’ स्लोगन के साथ अभियान का शुभारंभ किया जाएगा. उसके बाद वहां से जल भरकर मंत्री रेखा आर्य कांवड़ियों के साथ करीब 25 किमी पैदल यात्रा करेंगी
जिसके बाद करीब 1300 वर्ष पुराने अंतिम पड़ाव वीरभद्र मंदिर में मुख्यमंत्री के साथ भगवान शिव के जलाभिषेक के साथ संकल्प लिया जाएगा. मंत्री रेखा आर्य को विश्वास है कि इससे प्रदेश की रजत जयंती पर उत्तराखंड में लिंगानुपात समान होगा और देवियों की भूमि से एक संकीर्ण मानसिकता का विनाश होगा.महिला सशक्तिकरण एवं बाल विकास मंत्री रेखा आर्य ने कहा कि यह अभियान पूरे राज्य में चलाया जाएगा. वह पैदल कांवड़ यात्रा कर इस अभियान को शुरू करेंगी, तो प्रदेश के सभी जिलों में महिला सशक्तिकरण एवं बाल विकास से जुड़े अधिकारी कर्मचारी सहित आंगनबाड़ी कार्यकर्ता ‘बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ’ के अभियान के लिए अपने नजदीकी शिवालयों में इस दिन जलाभिषेक करेंगी….
मंत्री रेखा आर्य ने की जनमानस से भावुक अपील —
उन्होंने कहा कि बेटियों को गृभ में ही मार देना या फिर भ्रूण का परीक्षण कराना एक दंडनीय अपराध है लेकिन फिर भी अमूमन यह देखने मे आया है कि इस तरह के कृत्य अभी भी चोरी छिपे कुछ पैथोलॉजी/नर्सिंग होम/अस्पताल करते हैं। मंत्री ने ये स्पष्ट संदेश देते हुए कहा कि जो भी व्यक्ति इस प्रकार के कृत्य करने वालों की सूचना विभाग को टोल फ्री नंबर 181 पर देंगे उनकी गोपनीयता को छुपाया जाएगा और ऐसे काम करने वालो पर सख्त कार्यवाही की जाएगी,साथ ही सूचना देने वालो को पारितोषिक दिया जाएगा। इस अवसर पर कैबिनेट मंत्री रेखा आर्या ने सभी से अपील करते हुए कहा कि मैं सभी माताओ,बहनों से यह अपील करती हू कि इस कार्यक्रम को सिर्फ एक दिन का ना समझे । यह आपके त्याय,बलिदान,सर्मपण और आपके हकों के लिए हैं । हमें इसके जरिए लैगिंक असमानता और रूढिवादिता की बेढियों को तोडना है। मैं सभी बहनों से इस कार्यक्रम को सफल बनाने के लिए अधिक से अधिक भागीदारी करने का आहवाहन करती हू।