गर्दन और कंधे के दर्द को भले ही आप मामूली समझें, लेकिन असल में इसे अनदेखा करना ठीक नहीं है। डॉक्टर कहते हैं कि इस समस्या पर अगर ध्यान न दिया जाए, तो आगे चलकर दिल का दौरा भी पड़ सकता है।
कंधे या गर्दन में दर्द होना सामान्य लगता है। हममें से कई लोगों ने इसका अनुभव भी किया होगा। लेकिन ज्यादातर लोग इसे यह मानकर अनदेखा कर देते हैं कि अपने आप कुछ देर में ठीक हो जाएगा। कुछ लोग तो गर्दन या कंधे के दर्द को बैठने की गलत मुद्रा और सोने की स्थिति से जोड़ देते हैं और एक मामूली दर्द समझकर इस पर ध्यान नहीं देते । लेकिन सच पूछें तो दर्द को अनदेखा करना उतना ही हानिकारक है जितना की दर्द।
विशेषज्ञों से इस पर बात की किसी व्यक्ति को गर्दन और कंधे में दर्द क्यों होता है और यह किस तरह की चिकित्सा स्थिति का संकेत है। विशेषज्ञों ने यह भी बताया कि इस तरह के दर्द को कम करने के लिए जीवनशैली में कौन-कौन से बदलाव करने चाहिए।
खेल से मोच, तनाव और खराब मुद्रा गर्दन और कंधे में दर्द के सामान्य कारण हैं। गद्दे , तकिए और सोने की पोजीशन इन सभी का प्रभाव इस बात पर पड़ता है कि सोते समय किसी व्यक्ति की गर्दन, कंधे और रीढ़ पर कितना दबाव पड़ रहा है’ । चोट और गठिया के कारण हड्डियों के साथ कार्टिलेज को होने वाले नुकसान से भी कभी-कभी कंधे और गर्दन में दर्द होने लगता है। ऐसे में डॉ. कंधे पर भारी बैग या पर्स को न लटकाने की सलाह देते हैं।
यह दर्दनाक स्थिति धीरे-धीरे उभरती है और तीन चरणों में आगे बढ़ती है । डॉ. कहते हैं कि हर चरण कई महीने तक चल सकता है। पहली स्टेज में कंधों को हिलाने-डुलाने में तेज दर्द होता है। दूसरी स्टेज में दर्द हल्का होने लगता है , लेकिन कंधे को हिलाना पहले से भी ज्यादा मुश्किल हो जाता है।अक्सर चीजों को उठाने और उस कंधे का उपयोग करने में परेशानी महसूस होती है। दर्द रात में बढ़ सकता है , जिससे नींद भी डिस्टर्ब हो सकती है। तीसरी स्टेज थॉइंग स्टेज होती है। इसमें बोनी स्पर्स और टेंडिनोपैथियों वाले लोगों में कंधे में दर्द बहुत तेज होता है, जिससे व्यक्ति कभी ठीक नहीं हो पाता।