एक बड़ा लक्ष्य ..अथक मेहनत और उच्च स्तरीय मानसिक सोच के साथ जब कामयाबी का समागम होता है तो कोई प्रतियोगी सफलता के शिखर को छूता है , जिसको भारतीय प्रशासनिक सेवा में आईएएस का दर्ज़ा , मान और बेहद महत्वपूर्ण पद की ज़िम्मेदारी सौंपी जाती है। एक आईएएस जब डिस्ट्रिक्ट मजिस्ट्रेट की कुर्सी सम्हालता है तो वो जिले का सर्वोच्च प्रशासक होता है। राज्य सरकार के साथ साथ केंद्र सरकार की कल्याणकारी योजनाओं को आम जनता के हितों की खातिर आगे बढ़ाना उनका दायित्व होता है। एक जिलाधिकारी का लक्ष्य भी यही होता है कि वो एक बेहतर सामाजिक संरचना का आधार मजबूत कर अपने मातहत अधिकारीयों के तालमेल और सहयोग से जिले में शांति , सुरक्षा और विकास को आगे बढ़ाये। देवभूमि उत्तराखंड की राजधांनी देहरादून के जिलाधिकारी डॉ आर राजेश कुमार भी एक ऐसे ही शानदार ब्यूरोक्रेट हैं , जिनकी कार्यशैली और फील्ड में मौजूदगी से जनता में एक ख़ास पहचान बनी है। एक संक्षिप्त परिचय –
तमिलनाडु की भूमि से निकले 2007 बैच के होनहार और युवा आईएएस अधिकारी डॉ आर राजेश कुमार ने चेन्नई के एक विश्वविद्यालय से विज्ञान विषय से स्नातक किया है। वर्ष 2007 में आपका चयन सिविल सर्विसेज के लिए हुआ। तब उन्होंने उत्तराखंड कैडर को सलेक्ट किया। आईएएस डॉ. आर राजेश कुमार के पास पहाड़ी क्षेत्रों में काम करने का लंबा अनुभव है। उन्होंने उत्तराखंड के दूरस्थ जिले उत्तरकाशी और पिथौरागढ़ में जिलाधिकारी के रूप में अपनी शानदार सेवाएं देकर पहाड़ में अलग पहचान बनाई है। जनता के बीच जाकर काम करने वाले राजेश कुमार ने पहाड़ के लोगों की समस्याएं जानने के लिए कई क्षेत्रों में पैदल भी दौरे किये हैं। आपको बता दें कि पिथौरागढ़ में उन्होंने ग्रामीणों तक पहुंचने के लिए गुंजी गांव का पैदल दौरा भी किया। वो सिविल एविएशन, पेयजल और कौशल विभाग जैसे महत्वपूर्ण विभागों में अहम भूमिका निभा चुके हैं। युवा मुस्कान के साथ पैनी कार्यशैली का बेहतरीन तालमेल रखने वाले अनुभवी आईएएस अधिकारी स्मार्ट सिटी परियोजना के सीईओ और डीएम की दोहरी भूमिका को बखूबी निभा रहे डॉ. आर राजेश कुमार से ख़ास बातचीत की न्यूज़ वायरस के कार्यकारी संपादक आशीष तिवारी ने सवाल 1 – पर्यटन सीजन शुरू हो गया है , देहरादून और मसूरी में जो पर्यटक आ रहे हैं उनके सुविधा के लिए जिला प्रशासन ने क्या तैयारी की है ?
डॉ आर राजेश कुमार , डीएम – मसूरी में पर्यटन सीजन को देखते हुए कई बड़े निर्देश दिए है। आने वाले दिनों में बड़ी संख्या में पर्यटक मसूरी का रुख करेंगे ऐसे में अगर निर्माण कार्य जारी रहेगा तो न सिर्फ जाम की समस्या रहेगी बल्कि पर्यटकों को मॉल रोड पर प्रकृति के खूबसूरत नजारों का आनंद लेने में भी तकलीफ होगी। लिहाजा हमारे अतिथियों को उनके आनंद में कोई तकलीफ ना हो इसके लिए मौजूदा निर्माण कार्यों को फिलहाल रोका जा रहा है और सड़कों के किनारे एक व्यवस्थित ट्रांसपोर्टेशन की व्यवस्था को सुनिश्चित किया जा रहा है। पर्यटन व्यवसायियों के साथ हुई एक मीटिंग के बाद टूरिस्ट सीजन को देखते हुए मसूरी को लेकर कई बड़े फैसले किए गए जिसमें 5 नए वेंडिंग जोन को भी तय किया गया है। जिससे लोग शाम के समय सुकून और राहत भरे माहौल में पहाड़ों की रानी मसूरी का दीदार करके खरीदारी कर सकें और अपने सफर को यादगार बना सकें। मसूरी में चल रहे पेयजल निर्माण लाइनों के काम को फिलहाल स्थगित इसलिए किया जा रहा है ताकि सड़कों पर खुदाई से लोगों को आने जाने में ना कोई दिक्कत हो और ना मॉल रोड की खूबसूरती में कोई कमी आये।
डॉ आर राजेश कुमार , डीएम —
उत्तराखंड में प्लास्टिक पूरी तरह से बैन है , खासकर टूरिस्ट स्पॉट्स पर सख्त निगरानी की जा रही है। मसूरी जैसे पर्यटक स्थल की बात करें तो लोगों को भारी-भरकम जुर्माने के साथ-साथ जन जागरूकता अभियान के द्वारा भी प्लास्टिक के नुकसान के प्रति जागरूक किया जा रहा है। जिसके लिए एसडीएम और सीओ स्तर पर भी चेकिंग अभियान चलाया जा रहा है। प्लास्टिक के इस्तेमाल को रोकने में काफी हद तक देहरादून जिला प्रशासन ने कामयाबी पाई है। लेकिन लोगों को अभी और जागरूक होने की जरूरत है जिससे पहाड़ों की खूबसूरती में उनका सहयोग बढे और पर्यटकों को एक खूबसूरत डेस्टिनेशन का लुत्फ़ मिल सके जिस मकसद के साथ वो पहाड़ों का रुख करते हैं। सिंगल यूज प्लास्टिक के अवैध डिस्पोज किए जाने पर भी सख्त नजर रखी जा रही है ताकि पर्यावरण को कोई नुकसान ना हो और सैलानियों को एक खूबसूरत मसूरी का दीदार हो सके..
सवाल 3 – आपने चार्ज लेते ही विभागों , आईएएसबीटी , अस्पताल सहित कई जगह छापेमारी कर हड़कंप मचा दिया था ? इसके पीछे क्या मकसद है ?
डॉ आर राजेश कुमार , डीएम —
मेरा अपना मानना है कि अधिकारियों को ज्यादा से ज्यादा समय फील्ड में जनता के बीच गुजारना चाहिए ताकि वह जनता की समस्या को सीधे समझते हुए तुरंत उसका उचित समाधान निकाल सकें। मैं खुद भी फील्ड ओरिएंटेड ऑफिसर हूँ और कोशिश करता हूँ कि ज्यादा से ज्यादा समय जनता के मुद्दों को समझने के लिए फील्ड का दौरा करूँ। ऐसे ही उम्मीद करता हूँ कि जिला प्रशासन से जुड़े सहयोगी अधिकारी भी ऑफिस में ने बैठकर जनता के बीच जाएं। अगर अधिकारी फील्ड में नहीं जायेंगे तो कुर्सी पर बैठकर वह जनता की समस्याओं को ना समझ पाएंगे ना उसका समाधान ही निकाल पाएंगे। ये भी सच है कि दफ्तर में बैठकर फाइलें निपटाना भी जरूरी है। इसलिए मैंने डीएम का चार्ज संभालते ही अपने मातहत अधिकारियों को संदेश देने के लिए खुद पहल की और रोजाना किसी न किसी विभाग और पब्लिक लोकेशन पर खुद पहुंचकर ग्राउंड रियलिटी का जायजा लिया , कमियों को समझा अधिकारियों को स्पॉट पर ही निर्देश दिए…. मेरा मकसद है कि मेरे सहयोगी अधिकारी भी फील्ड ओरिएंटेड बने और मुझे उम्मीद है कि मेरी ये कोशिश अधिकारियों के मन में एक प्रभावशाली असर डालने में कामयाब हुई है।
सवाल 3 – देहरादून स्मार्ट सिटी के निर्माण कार्य से लोगों को बेहद परेशानी हो रही है , आप जनता से किस तरह के सहयोग की उम्मीद करते हैं ?
डॉ आर राजेश कुमार , डीएम —
देहरादून को स्मार्ट सिटी के रूप में तब्दील करने के लिए कॉरपोरेशन हर संभव प्रयास कर रहा है ताकि लोगों को जल्द से जल्द एक सुंदर और सुविधाजनक दून शहर दिया जा सके। हालांकि जब किसी बड़े निर्माण कार्य में इंफ्रास्ट्रक्चर को डिस्टर्ब किया जाता है तो स्थानीय स्तर पर लोगों को दिक्कत होना स्वाभाविक है। अब चूँकि देहरादून एक अनप्लांड सिटी है ऐसे में एक सुनियोजित प्लान की कमी से थोड़ा परेशानी होती है। देहरादून यहाँ वहां फैला हुआ है , लोग चारों तरफ अलग-अलग दिशाओं में बसे हुए हैं। लिहाजा विभाग को कभी-कभी इंफ्रास्ट्रक्चर को समझने और समस्या तक पहुँचने में मुश्किल होती है। लोग कहां कहां बसे हैं ? और उन्हें किन किन जन सुविधाओं की आवश्यकता है ? ये समझना ज़रुरी है। जब निर्माण कार्य के लिए खुदाई का कार्य किया जाता है तो छोटी-छोटी गलियां , सड़कें और संपर्क मार्ग में लोगों को दिक्कतें होती हैं। लेकिन जिला प्रशासन की कोशिश है कि लोगों को साथ लेकर और लोगों को जानकारी देते हुए निर्माण कार्य को जल्द से जल्द पूरा करें। समय-समय पर हम जनता से सहयोग मांगते हैं तो लोग सहयोग भी देते हैं और निर्माण कार्य में हो रही दुश्वारियां को समझते हुए धैर्य का भी परिचय देते हैं। स्मार्ट सिटी कॉरपोरेशन समय-समय पर जनता से स्मार्ट सिटी से जुड़े सुझाव लिए जाते हैं ताकि जिस शहर को स्मार्ट बनाया जा रहा है उस शहर के रहने वाले लोगों की राय भी उसमें शामिल की जाए।
सवाल 4 – खनन माफियाओं पर जिला प्रशासन ने बड़ी और कड़ी कार्यवाही की है , क्या ये कोई विशेष अभियान का हिस्सा है ?
डॉ आर राजेश कुमार , डीएम —
खनन के ताबड़तोड़ छापेमारी की बात करें तो उत्तराखंड सरकार अवैध खनन और इस तरह के अपराध में लिप्त अपराधियों पर बेहद सख्त हैं और समय-समय पर मुख्यमंत्री आवास से हमें इनपुट्स भी मिलते हैं। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी भी खनन माफियाओं के बारे में जिला प्रशासन को अगर सीधे जानकारी देते हैं तो प्रशासन बड़ी कार्यवाही करता है। बीते दिनों डोईवाला और विकास नगर में अवैध खनन की जानकारी डीएम कार्यालय को मिली जिसके बाद अवैध खनन की सूचना पर पुलिस , प्रशासन और माइनिंग की टीम ने लगातार छापेमारी कर कई ट्रकों को पकड़ा है , खनन सामग्रियों को जब्त किया है, जिसके बाद खनन माफियाओं में खलबली है। हमें हिमाचल प्रदेश से अवैध खनन के ट्रक आने जाने की सूचना मिली थी जिस पर हमने सख्त कार्यवाही की और यह सिलसिला आगे भी लगातार जारी रहेगा
सवाल 4 – मलिन बस्तियों पर भी क्या आप कोई बड़ी बैठक और रिपोर्ट तैयार करने जा रहे हैं ?
डॉ आर राजेश कुमार , डीएम —
उत्तराखंड सरकार मलिन बस्तियों को चिन्हित कर उनके सुधारीकरण के लिए बेहतर फैसले लेने के प्रति गंभीर है। इसी क्रम में लगातार शासन स्तर पर बैठकर भी की जा रही हैं। एक बैठक बीते दिनों सचिव स्तर पर हुई है जिसमें मलिन बस्ती को लेकर फैसले किए गए हैं। मलिन बस्तियों को चिन्हित करने के लिए 19 अप्रैल को जिला प्रशासन स्तर पर एक बड़ी बैठक की जाएगी। इसके लिए नगर आयुक्त को निर्देश दिया है कि वह मलिन बस्तियों का फील्ड में दौरा करें और वास्तविक स्थिति से अवगत कराएं साथ ही साथ ऐसी जगहों को चिन्हित करें जहां पर उन्हें विस्थापित किया जा सकता है।
अगली कड़ी में हम आपको ऐसे ही कर्तव्यपरायण और शानदार कार्य करने वाले वरिष्ठ अधिकारी से रूबरू कराएँगे।