भारतीय सेना में ब्रिगेडियर से लेकर इससे ऊपर के सभी रैंक वाले अधिकारी अब कॉमन यूनीफार्म पहनेंगे। यह नया नियम 1 अगस्त से लागू होने जा रहा है। माना जा रहा है कि सेना में कॉमन पहचान को मजबूती और बढ़ावा देने के उद्देश्य से यह नियम लागू किया जा रहा है। यह नियम ब्रिगेडियर रैंक से लेकर मेजर जनरल, लेफ्टिनेंट जनरल और जनरल रैंक तक के सभी ऑफिसर पर समान रूप से लागू होगा।
अप्रैल में ही लिया गया था कॉमन यूनीफॉर्म का निर्णय
भारतीय सेना के सूत्रों की मानें तो यह कदम निष्पक्ष और न्यायसंगत ऑर्गनाइजेश के कैरेक्टर को और भी मजबूत करेगा। उन्होंने यह भी कहा कि इस साल अप्रैल में संपन्न सेना कमांडरों के सम्मेलन के दौरान सभी लोगों के साथ व्यापक विचार-विमर्श के बाद यह निर्णय लिया गया है। सूत्र ने बताया कि फ्लैग रैंक (ब्रिगेडियर और ऊपर) के वरिष्ठ अधिकारियों के हेडगियर, शोल्डर रैंक बैज, गोरगेट पैच, बेल्ट और जूते अब मानक के अनुसार और एक समान होंगे। फ्लैग रैंक के अधिकारी अब डोरी (रस्सी) नहीं पहनेंगे। सूत्रों ने यह भी क्लियर किया है कि कर्नल और उससे नीचे के रैंक के अधिकारियों द्वारा पहनी जाने वाली वर्दी में कोई भी बदलाव नहीं किया गया है।
ब्रिगेडियर और उससे ऊपर के रैंक के अधिकारियों पर नियम लागू
यह बताना जरूरी है कि भारतीय सेना में ब्रिगेडियर और उससे ऊपर के अधिकारी वे हैं जो पहले ही इकाइयों और बटालियनों की कमान संभाल चुके हैं। वे ज्यादातर मुख्यालय और प्रतिष्ठानों में तैनात हैं, जहां सभी हथियारों और सेवाओं के अधिकारी एक साथ काम करते हैं। सूत्रों ने कहा कि एक मानक वर्दी भारतीय सेना के सच्चे लोकाचार को दर्शाएगी। साथ ही सभी वरिष्ठ रैंक के अधिकारियों की एक सामान्य पहचान सुनिश्चित करेगी।
क्या है Common Uniform
सूत्रों ने बताया कि विभिन्न प्रकार की वर्दी और साज-सज्जा का भारतीय सेना में संबंधित शस्त्रों, रेजिमेंटों और सेवाओं से विशेष स्थान है। उन्होंने आगे कहा कि आर्म्स या रेजिमेंट के भीतर खास तरह की पहचान के साथ यह मान्यता जूनियर लीडरशिप और रैंक और फाइल के लिए आवश्यक है। यह नियम सौहार्द, एस्प्रिट डी कॉर्प्स और रेजिमेंटल व्यवहार को और मजबूत करने के लिए है। यूनिट और बटालियन स्तर पहचान की अलग भावना होती है। पिछले साल भारतीय सेना ने अमेरिकी सेना की तरह डिजिटल पैटर्न वाली कॉम्बैट यूनिफॉर्म अपनाई थी।