न्यूज़ वायरस के लिए महविश की रिपोर्ट
हिन्दू पंचांग में श्रावण मास को बहुत पवित्र माना गया है. सावन के महीने में भगवान शिव और उनके परिवार की उपासना की जाती है. धार्मिक मान्यताओं के अनुसार श्रावण मास के शुक्ल पक्ष की तृतीया तिथि के दिन माता पार्वती और भगवान शिव की विशेष पूजा की जाती है. इस विशेष पर्व को हरियाली तीज या हरतालिका तीज के रूप में जाना जाता है. इस वर्ष यह व्रत आज 31 जुलाई को रखा जाएगा.आपको पता हैं कि इस पर्व को सिंजारा या सिंधारा तीज भी कहा जाता है क्योंकि इसमें लड़की के मायके से ससुराल वालों को सिंजारा (सिंधारा) भेजा जाता है, जिसमें तीज की पूरी थाल होती है, इस थाल में लड़की और लड़की की सास के लिए साड़ी, गहने, मिठाई, मेवे और श्रृंगार का पूरा सामान होता है। जिसके जरिए मायके वाले लड़की को अपना प्यार और शुभकामनाएं भेजते हैं। सिंजारा तीज से एक-दो दिन पहले आता है।
पौराणिक मान्यताओं के अनुसार हरियाली तीज के ही दिन माता पार्वती ने कठोर तप किया था और इसी से प्रसन्न होकर भगवान शिव ने उन्हें पत्नी के रूप में स्वीकार किया था. यही कारण है कि इस दिन व्रत रखने से भक्तों की मनोकामना पूर्ण हो जाती है. इस दिन को सुहागिन स्त्रियों के लिए विशेष माना जाता है. वह इसलिए क्योंकि जो महिला इस दिन सच्ची श्रद्धा से भगवान शिव और माता पार्वती (Lord Shiva and Mata Parvati Puja) की उपासना करती हैं तो उन्हें मिलता है बेहतरीन जीवनसाथी और सभी मनोकामना पूर्ण हो जाती है.क्यों माना जाता है हरियाली तीज को खास
सावन मास में सभी व्रत और त्योहारों का महत्व बढ़ जाता है. वहीं हरियाली तीज का दिन भगवान शिव और माता पार्वती को समर्पित होने के कारण इसका महत्व कई गुना बढ़ जाता है. मान्यता है कि इस दिन जो महिलाएं व्रत का पालन करती हैं उनके वैवाहिक जीवन से सभी अड़चने दूर हो जाती है और उन्हें संतान सुख की प्राप्ति होती है. माना यह भी जाता है कि इस दिन पूजा करने से और व्रत रखने से जो कन्याएं योग्य वर की तलाश कर रही हैं उनकी मनोकामना पूर्ण होती है.