विशेष रिपोर्ट – फ़िरोज़ गाँधी
सऊदी अरब ने कोविड संक्रमण की रोकथाम के लिए लगाए गए सभी प्रतिबंधों को खत्म कर दिया है। शनिवार को गृह मंत्रालय ने सऊदी प्रेस एजेंसी को बताया कि कोरोना वायरस से निपटने के लिए लगाए गए सभी एहतियाती प्रतिबंध अब निष्प्रभावी होंगे। इन प्रतिबंधों के खत्म होने से सऊदी अरब के आम नागरिकों के साथ ही भारतीय कामगारों को बड़ी राहत मिलेगी। भारतीय नागरिक फिर से वहां जाकर काम कर पाएंगे।
दूसरे देशों के लोगों को रियाद पहुंचने पर अनिवार्य क्वारंटाइन से भी नहीं गुजरना होगा। साथ ही, यात्रियों को आरटी पीसीआर टेस्ट से भी छूट दी गई है। हालांकि, उन्हीं विदेशी यात्रियों को वीजा जारी किया जाएगा, जिनके पास कोविड के इलाज का खर्च वहन करने के लिए बीमा कवर होगा। इसके अलावा, सभी पात्र लोगों को वैक्सीन लगवाना भी अनिवार्य है। इसके साथ ही तवक्कल एप पर वैक्सीन और सेहत की जानकारी साझा करना जरूरी होगा। सऊदी स्वास्थ्य मंत्रालय अब तक नौ कोरोना वैक्सीन को मंजूरी दे चुका है। इनमें फाइजर, मॉडर्ना, ऑक्सफोर्ड एस्ट्राजेनेका, जेएंडजे, सिनोफार्म, सिनोवैक, कोवाक्सिन, स्पूतनिक और कोवोवैक्स शामिल हैं। यानी इन वैक्सीन की डोज लेने वालों को सऊदी अरब की यात्रा की इजाजत है।
देश के विभिन्न राज्यों से जाते हैं कामगार
भारत के शहरों तो क्या, कस्बों और गांवों तक के युवा काम करने के लिए खाड़ी देशों में जाते हैं। इनमें से ज्यादातर निर्माण मजदूर, प्लंबर, मैकेनिक आदि के काम में दक्ष होते हैं। इन्हें वहां मोटे वेतन पर आसानी से काम तो मिलता ही है, रहने-खाने का इंतजाम भी कंपनियों की तरफ से ही हो जाता है। उत्तर प्रदेश, बिहार, केरल, आंध्र प्रदेश, राजस्थान, पंजाब, तमिलनाडु, तेलंगाना, पश्चिम बंगाल और अन्य राज्यों के लाखों युवा वहां काम कर देश के लिए बेशकीमती विदेशी मुद्रा जुटाते हैं।
खाड़ी देशों में 8.5 लाख भारतीय करते थे काम
खाड़ी के देशों में भारतीय कामगारों की बड़ी संख्या थी। कोविड-19 के कारण सात लाख से ज्यादा कामगारों को स्वदेश लौटना पड़ा था। भारत सरकार ने वंदे भारत मिशन चलाकर 7,16,662 लोगों को निकाला था। इनमें से 3 लाख यूएई और 1.37 लाख सऊदी अरब से लौटे थे। कुवैत से 90802, ओमान से 72,259, कतर से 51,190 और बहरीन से 27,453 भारतीयों को घर लौटना पड़ा था। अब खाड़ी के अन्य देशों में भी कामकाज जल्द ही सामान्य होने की उम्मीद है।