भारतीय प्रतिभूति एवं विनियम बोर्ड (SEBI) कृत्रिम मेधा (एआई) का इस्तेमाल कर वेब इंटेलिजेंस के जरिये सोशल मीडिया और अन्य मंचों पर निगरानी बढ़ाने की तैयारी कर रहा है. सेबी का मुख्य उद्देश्य इंडिविजुअल, ग्रुप्स और अन्य प्लेटफॉर्म द्वारा अलग-अलग सिक्योरिटी कानूनों के उल्लंघन की जांच के लिए वेब इंटेलिजेंस टूल के माध्यम से सोशल मीडिया और अन्य प्लेटफार्मों की निगरानी को बढ़ावा देना है. सेबी ने पब्लिक नोटिस में वेब इंटेलिजेंस को लागू और शुरू करने और उसके रख-रखाव के लिए सॉल्यूशन प्रोवाइडर्स से एक्सप्रेशन ऑफ इंटरेस्ट (EOI) आमंत्रित किये हैं.
क्या है सेबी का प्लान
मार्केट रेगुलेटर सेबी का कहना है कि पिछले कुछ सालों में इंटरनेट का उपयोग तेजी से बढ़ा है. इसके कारण इंटरनेट पर सार्वजनिक रूप से उपलब्ध अव्यवस्थित या बिखरे डेटा में भारी इजाफा हुआ है. अव्यवस्थित डेटा में वीडियो और ऑडियो फाइल, सोशल मीडिया पोस्ट आते हैं. सेबी ने कहा कि इस अव्यवस्थित डेटा में अलग-अलग संस्थाओं, व्यक्तियों, समूहों और विभिन्न प्रतिभूति कानूनों के उल्लंघन से संबंधित विषयों के बारे में गहन जांच से जुड़ी जानकारी प्रदान करने की क्षमता है.