बांग्लादेश की प्रधानमंत्री शेख हसीना 4 दिन की भारत यात्रा पर हैं। इसी बीच खबर है कि बांग्लादेश की नेशनल फिश हिलसा भारत को निर्यात की गई है। चलिये आपको बताते हैं आखिर ये मछली क्यों इतनी खास है ?बांग्लादेश सरकार ने आगामी दुर्गा पूजा के अवसर पर भारत को आठ टन हिलसा का निर्यात किया। मछली को ले जाने वाले 2 ट्रक सोमवार शाम बेनापोल सीमा शुल्क और बंदरगाह की औपचारिकताएं पूरी करने के बाद भारत में पेट्रापोल बंदरगाह में प्रवेश कर गए थे। इस साल दुर्गा पूजा के दौरान बांग्लादेश भारत को कुल 2,450 टन हिलसा का निर्यात करेगा। बांग्लादेश के मिनिस्ट्री ऑफ कॉमर्स ने 4 सितंबरको ही 49 कंपनियों को हिलसा निर्यात करने की अनुमति दी है। हरेक कंपनी 50 टन हिलसा का निर्यात कर सकती है।8 टन मछली का निर्यात सोमवार को बारिसल के महिला एंटरप्राइज द्वारा किया गया था जिसे भारत के एसआर इंटरनेशनल द्वारा आयात किया गया है। मछली निरीक्षण और गुणवत्ता नियंत्रण के इंस्पेक्टर महबूब रहमान ने हिल्शा मछली को 10 डॉलर प्रति किलोग्राम के हिसाब से निर्यात करने की पुष्टि की है।बांग्लादेश में पद्मा नदी में रहने वाली हिलसा भारत के पश्चिम बंगाल के बंगालियों को बहुत पसंद है। हालांकि बांग्लादेश सरकार अपने देश की जरूरतों को देखते हुए समय-समय पर इसका निर्यात बंद कर देती है। 2012 में बांग्लादेश से भारत में हिलसा के निर्यात पर प्रतिबंध लगा दिया गया था। हालांकि, बांग्लादेश ने विभिन्न अवसरों पर भारत को हिलसा मछली भेंट की है। पिछले साल भी दुर्गा पूजा पर मछली का निर्यात किया था। बेनापोल के C&F एजेंट युथी एंटरप्राइज के मैनेजन मिजानुर रहमान ने कहा कि इस बार प्रति किलो हिलसा का निर्यात मूल्य $10 है, जो कि Tk947.39 (बांग्लादेशी करेंसी) के बराबर है।