नई दिल्ली रेलवे स्टेशन के स्टेशन प्रबंधक राकेश शर्मा लगातार कई सालों से आम लोगों को अपना सामान खोने की परेशानी से मुक्ति दिलाते रहे हैं। सुनकर आपको हैरानी होगी, लेकिन सुनिए उनकी कहानी उन्हीं की जुबानी। राकेश शर्मा ने बताया कि सरकारी काम के अलावा यह उनका अभियान है, जिससे आम लोगों का खोया हुआ सामान उन तक पहुंचाया जा सके।उन्होंने कहा कि किसी भी वस्तु की एक कीमत होती है, लेकिन उस वस्तु से जुड़ी भावनाएं अनमोल होती हैं। जब भी कोई अपना सामान खोता है तो उसके सामने मुसीबतों का पहाड़ खड़ा हो जाता है। इस परेशानी से निजात पाने के लिए मैंने यह पहल की है। स्टेशन प्रबंधक राकेश शर्मा ने बताया कि जब से उन्होंने यह अभियान शुरू किया है तब से अब तक 506 राहगीरों तक उनका माल सुरक्षित पहुंचा चुके हैं। उन्होंने कहा कि वह वर्ष 1998 से रेलवे से जुड़े हुए हैं, लेकिन वर्ष 2016 से लोगों तक सामान पहुंचाने का अभियान शुरू किया. , कुली, खानपान कर्मचारी। ऐसे में उनकी कोशिश होती है कि बर्थ के नीचे या नीचे वाली बर्थ के पीएनआर नंबर के जरिए लोगों तक पहुंचे. जन्म संख्या प्राप्त करने के बाद, मैं उनके फ़ोन नंबर, या एजेंट के फ़ोन नंबर के माध्यम से उनके फ़ोन नंबर तक पहुँचता हूँ। फिर मैं उन्हें सामान दिलाने में मदद करता हूं।
पासपोर्ट से लेकर वीजा तक हर चीज को लेकर राकेश शर्मा ने कहा कि कई बार लोग अपना बैग भूल जाते हैं, जिसमें पासपोर्ट से लेकर जरूरी सामान होता है। कोशिश की कि उनके बैग जल्द से जल्द ऐसे लोगों तक पहुंचाए जाएं. उन्होंने कहा कि हमारा सपोर्ट सिस्टम बहुत मजबूत है. जिसमें सफाईकर्मी से लेकर कर्मचारी तक शामिल हैं।राकेश शर्मा ने कहा कि कभी-कभी सरकारी दस्तावेज सामान में होते हैं। कोई भी पैन कार्ड, आधार कार्ड या वोटर आई कार्ड। ऐसे में वह इन दस्तावेजों के जरिए भी यात्रियों तक पहुंचने की कोशिश करता है। इसमें मोबाइल नंबर काफी मददगार साबित होता है। राकेश शर्मा ने बताया कि ऐसा नहीं है कि मैं सीधे यात्री तक सामान पहुंचा देता हूं। इसके लिए पहले मैं इसे वेरीफाई भी करता हूं। जब मैं संतुष्ट हो जाता हूं कि ऐसी जानकारी संबंधित यात्री के सामान से संबंधित है, तो मैं उस यात्री को सामान सौंप देता हूं।