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‘तीता फूल’ – गंभीर बीमारियों और मौसमी संक्रमण का है रामबाण इलाज़ 

धरती पर ऐसे हजारों फूल-पौधे हैं, जो सिर्फ पर्यावरण के लिए ही नहीं बल्कि इंसान की सेहत के लिए भी फायदेमंद हैं। आपके आसपास मौजूद इन फूल-पौधों में तमाम औषधीय गुण मौजूद होते हैं और यही वजह है कि इनका विभिन्न दवाओं, भोजन आदि में इस्तेमाल किया जाता है। आयुर्वेद के अनुसार, ऐसे तमाम पेड़-पौधे हैं, जो सेहत को कई तरीकों से फायदा पहुंचा सकते हैं, बस आपको इनका इस्तेमाल करना आना चाहिए।

ऐसा ही एक औषधीय गुणों से भरपूर फूल है ‘तीता फूल’ (Teeta Phool) जिसका इस्तेमाल न केवल सजावट में बल्कि खाने में भी किया जाता है। ऐसे कई फूल हैं जिन्हें खाया जा सकता है और उनसे सेहत को कई फायदे होते हैं।यह फूल उन्हीं में से एक है। इस फूल को रोंगाबनहेका, कोला बहक, धापत टीटा (असमिया), जंगली नॉनमंगखा (मणिपुरी), तेव-फोटो-आरा (खासी), खाम-छिट (गारो) के नाम से भी जाना जाता है।
माना जाता है कि तीता फूल में ऐसे कई शक्तिशाली औषधीय गुण होते हैं, जो कई गंभीर बीमारियों और मौसमी संक्रमण को ठीक करने के लिए एंटीबायोटिक के रूप में काम करते हैं। बताया जाता है कि इस लाल रंग के फूल में गठिया, खांसी और एनीमिया जैसे विकारों को दूर करने के क्षमता होती है।
चलिए जानते हैं कि इससे आपकी सेहत को और क्या-क्या फायदे हो सकते हैं।तीता फूल का मतलब अंग्रेजी में कड़वा फूल होता है। यह फूल असमिया पाक संस्कृति में एक विशेष स्थान रखता है। यह खाए जाने वाला फूल पारंपरिक रूप से अपने शक्तिशाली औषधीय गुणों के लिए भोजन में जोड़ा जाता है। इसमें कई बीमारियों और मौसमी संक्रमणों को ठीक करने के लिए एंटीबायोटिक के रूप में इस्तेमाल किया जाता है।

तीता फूल को कई तरह से पसंद किया जाता है लेकिन अधिकतर लोग इसे खाना बनाने में मसाले के रूप में इस्तेमाल करते हैं। इसका स्वाद थोड़ा कड़वा होता है और यह प्रकृति में क्षारीय होता है। असमिया खाना पकाने में इसका अधिक इस्तेमाल किया जाता है। पहले इसका अधिक लाभ लेने के लिए दोपहर के भोजन में इसका सेवन किया जाता था।

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