बिजली चोरी देश और प्रदेशों में बहुत बड़ी समस्या है। हांलाकि सरकारें समय समय पर जागरूकता अभियान चलाती है , लेकिन विभाग को बड़ा नुक्सान फिर भी होता ही है। लेकिन उत्तराखंड के लिए खबर है कि यहाँ जल्द ही प्रदेश के 16 लाख घरों में स्मार्ट मीटर लगेंगे। यूपीसीएल के एमडी अनिल कुमार ने मीडिया को बताया कि सबसे पहले कॉमर्शियल और पांच किलोवाट तक के उपभोक्ताओं के प्रतिष्ठानों पर स्मार्ट प्रीपेड मीटर लगाए जाएंगे। प्रति मीटर औसत छह हजार रुपये का खर्च आएगा, जिसमें से 22.5 प्रतिशत पैसा केंद्र से ग्रांट के तौर पर मिलेगा। बाकी पैसा मीटर लगाने वाली कंपनी को यूपीसीएल की ओर से प्रति मीटर प्रतिमाह के हिसाब से दस साल तक दिया जाएगा। उपभोक्ताओं को इस मीटर के लिए अलग से कोई खर्च नहीं देना होगा। इन स्मार्ट मीटर से यूपीसीएल सभी उपभोक्ताओं पर नजर रख सकेगा। बिजली चोरी भी पकड़ में आ सकेगी।यूपीसीएल करेगा विभागीय ढांचे में बड़ा परिवर्तन –
यूपीसीएल में ढाँचे के बड़े बदलाव की भी तयारी हो चुकी है। खबर आ रही है कि यूपीसीएल में नई व्यवस्था के मुताबिक केवल तीन निदेशक होंगे।अभी निदेशकों का भारी भरकम खर्च है। यह खर्च नई व्यवस्था के बाद नियंत्रित हो जाएगा। इसके साथ ही इन सभी बदलावों को लागू करने के बाद केंद्र सरकार से करीब 900 करोड़ रुपये का लोन मिलेगा। इस पैसे से ही स्मार्ट मीटर सहित तमाम बदलाव लागू होंगे। इसके साथ ही लाइन लॉस को कम करने में विशेष कार्ययोजना बनेगी।