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चीन सीमा से लगते लिपुलेख बॉर्डर के साथ ही दारमा घाटी का सम्पर्क पूरी तरह कटा है, जबकि कुल 20 रोड भारी लैंडस्लाइड के कारण जगह-जगह बंद हैं. मूसलाधार बारिश से 18 मकान पूरी तरह आपदा की भेंट चढ़ चुके हैं. यही नहीं 6 पैदल पुलों के साथ 1 मोटर पुल भी जमींदोज हुआ है. जबकि 1265 मीटर लम्बाई की सड़कों को आसमानी आफत अपने साथ बहा चुकी है. जान के नुकसान की बात करें तो 1 व्यक्ति के साथ 9 जानवर भी आपदा की भेंट चढ़ चुके हैं. पैदल रास्ते और सड़कें बंद होने से दुर्गम इलाकों में वैक्सीनेशन का काम भी ठप पड़ गया है. एडीएम एफआर चौहान का कहना है कि मानकों के मुताबिक, आपदा प्रभावितों को मुआवजा आदि तत्काल दिया जा रहा है.
प्री-मानसून की बारिश ने किया बेहाल
इस बात का आसानी से अंदाजा लगाया जा सकता है कि प्री मानसून की बारिश में जब ये हाल है तो 3 महीने की बरसात किस कदर भारी पड़ेगी. ऐसे में जरूरी यह है कि आपदा प्रबंधन तंत्र को हर वक्त अलर्ट मोड में रखा जाए, ताकि इंसानी जिंदगी को आसमानी आफत से बचाया जा सके.
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