विशेष रिपोर्ट – आशीष तिवारी
एक तरफ पहाड़ी टोपी , पहाड़ी बोली और बाबा केदार के सबसे बड़े भक्त के रूप में नज़र आने वाले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी हैं तो दूसरी तरफ ठेठ पहाड़ी अंदाज़ में अपना आखिरी चुनाव लड़ रहे गाड़ गदेरे और मंडुआ झिंगोरा के खुद को ब्रांड अम्बेस्डर बताने वाले पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत हैं। विधान सभा के नतीजों को अपने पाले में लाने के लिए चरम पर है चुनावी हलचल इन सबके बीच पहाड़ में एक बार फिर कमल खिलाने के लिए माजूदा मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के ऊपर बड़ी ज़िम्मेदारी है।
कई मौकों पर खुद सीएम धामी ने कहा है कि जो कभी नहीं हुआ वो इस बार होगा और इतिहास बनेगा जब दोबारा एक ही पार्टी सत्ता में वापसी करेगी। चुनावी प्रचार के दौरान सीएम ने कहा कि कोरोना महामारी के दौरान कई राजनीतिक पार्टियों ने दुष्प्रचार किया। उन्होंने कहा कि लोगों के बीच भ्रांतियां फैलाने की वजह से कई लोगों की मृत्यु तक हो चुकी। धामी ने कहा कि लोगों को भ्रमित कर उनके स्वास्थ्य से खिलवाड़ किया गया। धामी ने कहा कि ऐसे लोग अपराधी हैं। धामी ने लोगों से अपील करते हुए कहा कि ऐसे लोगों के अपराध की उन्हें सजा दी जाए और उन्हें वोट न दिया जाए। धामी ने कहा कि केंद्र सरकार ने कोरोना महामारी के दौरान वैक्सीन निर्माण कर लोगों की जान बचाने का काम किया है। कहा कि अटल आयुष्मान योजना से लोगों को फ्री इलाज की सुविधा भी दी जा रही है। मुख्यमंत्री ने कहा कि केंद्र सरकार की मदद से उत्तराखंड में विकास की गति भी दोगुनी हो गई है। चारधाम सड़क से लेकर पुलों तक का निर्माण हुआ है।
लेकिन मौजूदा चुनावी हवा की बात करें तो राजनीति के जानकार 2022 के चुनाव को कांटे की टक्कर बता रहे हैं। कांग्रेस ने जहां हरीश रावत को खुले हाथ मैदान में उतारा है तो वहीं पार्टी ने एक एक प्रत्याशी पर काफी माथापच्ची की है। धामी कैबिनेट के दो हैवीवेट मंत्री आज कांग्रेस के लिए वोट मांग रहे हैं। ऐसे में देखना होगा की एक बार फिर पीएम मोदी के चेहरे पर चुनाव लड़ रही भाजपा का सत्ता वापसी का मिशन पूरा होगा या हरदा का गेम प्लान कामयाब होगा।