भारत में जियो अकेली ऐसी कंपनी होगी, जो स्टैंडअलोन 5G कनेक्टिविटी उपलब्ध कराएगी। साधारण शब्दों में कहें, तो जियो का 5G नेटवर्क पूरी तरह से 4G नेटवर्क से अलग होगा, जो हाई स्पीड 5G कनेक्टिविटी ऑफर करेगी, जबकि जियो के अलावा बाकी कंपनियों 4G नेटवर्क की मदद से ही 5G कनेक्टिविटी ऑफर करेंगी, जिससे आपको 5G स्पीड से समझौता करना पड़ सकता है।
5G स्पेक्ट्रम नीलामी की प्रक्रिया को मार्च 2022 तक पूरा किया जाना था। लेकिन सरकार ने नीलामी प्रक्रिया को पूरा करने के लिए जुलाई 2022 तक का वक्त दिया है। इस दौरान ट्राई की तरफ से स्पेक्ट्रम बेस प्राइस को तय किया जाना है। इसके बाद इसे केंद्रीय कैबिनेट से मंजूरी मिलेगी। इससे पहले के ट्राई के प्रस्तावित बेस प्राइस को लेकर टेलिकॉम कंपनियां आपत्ति जता चुकी हैं। इस सारी प्रक्रिया में लंबा वक्त लगने की उम्मीद है। यही वजह है कि टेलिकॉम कंपनियों की ओर से साल 2023 की दूसरी तिमाही (अप्रैल से जून) से पहले भारत में कॉमर्शियली 5G नेटवर्क को रोल आउट करने की उम्मीद से इनकार किया जा रहा है।