गंगोत्री नेशनल पार्क में आपका स्वागत है – मिलिए दुर्लभ जीवों से 

अब देश दुनिया से आने वाले टूरिस्टों को गंगोत्री नेशनल पार्क के दीदार में कोई रुकावट नहीं होगी। लम्बे इंतज़ार के बाद अब पर्यटक इस मशहूर  पार्क की सैर कर सकेंगे..लम्बे समय से इंतज़ार कर रहे सैलानियों के लिए ये सुकून भरी खबर भी है क्योंकि  कोरोना संक्रमण की वजह से गंगोत्री नेशनल पार्क में बहुत कम सैलानी पहुंचे थे.वहीं, पार्क प्रशासन को उम्मीद है कि इस बार बढ़ी संख्या में पर्यटक और पर्वतारोही गंगोत्री नेशनल पार्क का रुख करेंगे.

गंगोत्री नेशनल पार्क को पर्यटकों और पर्वतारोहियों के लिए खोल दिया गया है . फारेस्ट डिपार्टमेंट को उम्मीद है कि पार्क खुलने के बाद पर्यटन और ट्रैकिंग व्यवसाय से जुड़े लोगों को कोरोना से हुए नुकसान की भरपाई करने में काफी मदद मिलेगी.दरअसल, गंगोत्री नेशनल पार्क के अंतर्गत गंगोत्री धाम सहित भारत-चीन अंतरराष्ट्रीय सीमा से सटी नेलांग-जाडुंग घाटी, गौमुख और देश की 7 हजार मीटर ऊंची कई चोटियां हैं, जिन पर हर साल हजारों पर्वतारोही, पर्वतारोहण और ट्रैकिंग करने के लिए पहुंचते हैं.पार्क करीब 2,390 वर्ग किमी के क्षेत्र में फैला हुआ है. साथ ही गंगोत्री नेशनल पार्क में गंगोत्री ग्लेशियर सहित दुर्लभ वन्य जीव स्नो लैपर्ड, भरल और भूरा हाथी के अलावा अन्य कई जानवरों के घर के रूप में भी जाना जाता है.

गंगोत्री नेशनल पार्क के अधिकारी बताते हैं कि पार्क के गेट मुख्य कनखू बैरियर खोल दिये गए हैं.2019-20 में पार्क को पर्यटकों और पर्वतारोहियों के पहुंचने से 60 लाख की आय हुई थी.गत वर्ष कोरोनाकाल में अनलॉक में छूट मिलने के बाद करीब 11 लाख की आय हुई थी. उन्होंने आगे कहा कि इस वर्ष भी हालांकि पर्यटनों की बढ़ने की उम्मीद है, लेकिन अगर सब ठीक रहा तो गंगोत्री नेशनल पार्क दोबारा पर्यटकों से गुलजार होने की उम्मीद है.

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