आज के दौर में हर एक व्यक्ति को हेल्थ इंश्योरेंस पॉलिसी जरूर लेनी चाहिए. यह किसी मेडिकल जरूरत या अस्पताल में भर्ती होने की स्थिति में आपको फाइनेंशियल कवरेज प्रदान देता है. कोरोना महामारी के बाद हेल्थ इंश्योरेंस लेने वाले लोगों की संख्या तेजी से बढ़ी है. लेकिन इसके बावजूद भी आम लोगों के लिए यह समझना थोड़ा मुश्किल है किआखिर उन्हें हेल्थ इंश्योरेंस क्यों लेना चाहिए
हेल्थ इंश्योरेंस पॉलिसी में युवाओं के लिए प्रीमियम कम
आपके लिए कम उम्र में हेल्थ इंश्योरेंस प्लान लेना फायदेमेंद है. इसका वित्तीय फायदा आपको साफ तौर पर दिखेगा. हेल्थ इंश्योरेंस पॉलिसी में युवाओं के लिए प्रीमियम कम होता है. इसकी वजह है कि युवाओं के बीमार या गंभीर बीमारी से पीड़ित होने की संभावना कम होती है और इसलिए उनके लिए प्रीमियम भी कम रखा गया है. वहीं, हेल्थ इंश्योरेंस प्रीमियम उम्र के साथ बढ़ता है इसलिए आपके लिए कम उम्र में ही ये बीमा पॉलिसी लेना ज्यादा बेहतर है.
प्रीमियम पर कोई लॉक इन पीरिएड नहीं
लाइफ इंश्योरेंस पॉलिसी में पॉलिसीधारक पूरी अवधि के लिए प्रीमियम को लॉक इन कर सकता है, लेकिन हेल्थ इंश्योरेंस के मामले में ऐसा संभव नहीं है. अगर आप 25 या 30 साल की उम्र में लाइफ इंश्योरेंस पॉलिसी लेते हैं, वो पॉलिसी टर्म की पूरी अवधि के लिए प्रीमियम को लॉक इन कर सकते हैं. वहीं, हेल्थ इंश्योरेंस लेने पर आप ऐसा नहीं कर सकते हैं, क्योंकि हेल्थ इंश्योरेंस पॉलिसी लंबी अवधि की पॉलिसी नहीं होती हैं. ये एक या दो साल के लिए होती है. जिसका मतलब है कि इसके बाद उन्हें रिन्यू कराना पड़ेगा. रिन्यू संभव है और पॉलिसी को जारी रखा जा सकता है, लेकिन नया प्रीमियम रिन्यूअल के समय की उम्र पर आधारित होगा. इससे पॉलिसीधारक का प्रीमियम भी बढ़ेगा. क्योंकि पॉलिसीधारक की उम्र भी बढ़ जाएगी, भले ही पॉलिसी पर कोई क्लेम न हो.
कम उम्र में इंश्योरेंस पॉलिसी लेने से बेहतर ट्रैक रिकॉर्ड बनेगा
हेल्थ इंश्योरेंस पॉलिसी के शॉर्ट टर्म रिन्यूअल से आपको ये लग सकता है कि पॉलिसी को कम उम्र में लेने का फायदा नहीं है. क्योंकि आने वाले सालों में प्रीमियम बढ़ जाएगा. हालांकि, ऐसा नहीं है.अगर कम उम्र में इंश्योरेंस पॉलिसी लेते हैं तो आपको दो बड़े फायदे मिल सकते हैं. जिसमें पहला ये कि इसमें मिलने वाली कवरेज को किसी इमरजेंसी मेडिकल इलाज में वित्तीय मदद देगी. वहीं,दूसरा ज्यादा लंबे समय में फायदा देगा. पॉलिसी लेने और नो क्लेम रिकॉर्ड बनाने से आपका ट्रैक रिकॉर्ड बनेगा , इंश्योरेंस कंपनी किसी वजह से क्लेम को रिजेक्ट नहीं कर सकती है. यहां आपको बड़ी राहत मिल सकती है, क्योंकि आपको क्लेम मंजूर होगा या नहीं इस बात की चिंता नहीं रहेगी.
नो क्लेम बोनस का भी मिलेगा फायदा
इसके अलावा कम उम्र में हेल्थ इंश्योरेंस पॉलिसी लेन पर आपको नो क्लेम बोनस के तौर पर भी फायदा मिल सकता है. इंश्योरेंस कंपनियों की नो क्लेम बोनस को लेकर अपनी खुद की गाइडलाइंस होती हैं. इसे हर महीने सम एश्योर्ड के निश्चित प्रतिशत के तौर पर कैलकुलेट किया जाता है. इससे हर साल ये जुड़ता चला जाता है, जब तक ये किसी निश्चित आंकड़े जैसे 50% तक नहीं पहुंच जाता. इससे समान प्रीमियम पर हेल्थ इंश्योरेंस कवरेज की राशि बढ़ जाती है.