आजकल त्यौहार के बाद का मौसम थोड़ा अजीब है यहाँ बदलते मौसम में डेंगू, मलेरिया और चिकनगुनिया जैसी खतरनाक और जानलेवा बीमारियों का खतरा भी बढ़ गया है। कई शहरों में डेंगू-मलेरिया के मामले बढ़ने लगे हैं। मच्छरों से होने वाले डेंगू बुखार के लिए तुरंत इलाज की जरूरत होती है। डेंगू के मरीजों की तादाद दिन-ब-दिन बढ़ती जा रही है। प्लेटलेट्स की कमी की वजह से मरीज की मौत हो सकती है। इसके लिए जरूरी है कि डाइट का शुरू से ही ख्याल रखा जाए। आइये जानते हैं प्लेटलेट्स को मेन्टेन रखने के लिए डाइट में क्या शामिल करें।प्लेटलेट्स क्या है
प्लेटलेट्स छोटे ब्लड सेल्स होते हैं, जो खासतौर पर बोनमैरो में पाए जाते हैं। बॉडी में प्लेटलेट्स की कमी इस बात को दर्शाती है कि खून में बीमारियों से लड़ने की ताकत कम हो रही है। प्लेटलेट्स कम होने की इस स्थिति को थ्रोम्बोसाइटोपेनिया कहा जाता है।
कितनी होनी चाहिए प्लेटलेट्स की संख्या
एक स्वस्थ व्यक्ति में सामान्य प्लेटलेट काउंट 150 हजार से 450 हजार प्रति माइक्रोमीटर होता है। जब ये काउंट 150 हजार प्रति माइक्रोमीटर से नीचे चला जाता है, तो इसे लो प्लेटलेट माना जाता है।
डेंगू बुखार के लक्षण
डेंगू बुखार में सिरदर्द, मसल्स पेन, उल्टी, थकान होती है। दवाओं के जरिए इन लक्षणों को ठीक किया जा सकता है, लेकिन प्लेटलेट्स कम होने पर इसे बिल्कुल नजरअंदाज नहीं करना चाहिए। कई बार हालत गंभीर होने पर प्लेटलेट काउंट में अचानक गिरावट आ सकती है। डेंगू के मरीजों में इसकी कमी की वजह से मरीज की मौत हो सकती है। इसका कम या ज्यादा होना यह तय करता है कि कोई व्यक्ति कितना स्वस्थ है। प्लेटलेट ब्लड सेल्स हैं जो ब्लड क्लॉटिंग में मदद करते हैं। जब इनकी कमी होती है, तो थकान, आसानी से चोट लगने और मसूड़ों से खून आने जैसे लक्षण दिखाई दे सकते हैं। मेडिकल भाषा में इसे थ्रोम्बोसाइटोपेनिया भी कहते हैं।
विटामिन बी-12
विटामिन बी-12 ब्लड सेल्स को हेल्दी रखने में मदद करता है। विटामिन बी-12 नॉन-वेजिटेरियन फूड्स में ज्यादा पाया जाता है। दूध, पनीर जैसे डेयरी उत्पादों में भी विटामिन बी-12 पाया जाता है। एक अध्ययन में पाया गया कि विटामिन सी सप्लीमेंट लेने वाले रोगियों में प्लेटलेट काउंट बढ़ गया था। इसके लिए आम, अनानास, ब्रोकोली, हरी या लाल शिमला मिर्च, टमाटर और फूलगोभी का सेवन बढ़ा देना चाहिए।