भारत में प्रतिभाशाली लोगों की कोई कमी नहीं है। स्टूडेंट्स की बात करें या टीचर्स और प्रोफेसर्स की मेक इन इंडिया का असर है कि हुनरमंद लोग नए नए अनुसंधान करते हुए समाज को हैरान कर रहे हैं। अब देश की प्रतिष्ठित आईआईटी रुड़की को ही ले लीजिये जो वैसे तो नए-नए शोध करने के लिये जाना ही जाता है। यहाँ कैंपस के अंदर हो रहे आविष्कार से सामाजिक तौर पर भी लोगों को फायदा मिलता है.अब इस बार आईआईटी रुड़की के रासायनिक अभियांत्रिकी विभाग के वैज्ञानिकों ने दूध और तेल के वेस्ट पैकेटों से ब्लॉक और टाइल्स इजाद की है.
आपको बता दें कि आईआईटी रुड़की के रासायनिक अभियांत्रिकी विभाग के वैज्ञानिक प्रोफेसर प्रसेनजित मंडल की टीम ने तेल, दूध के वेस्ट पैकेटों से ब्लॉक और टाइल्स बनाई है, जोकि आईआईटी परिसर में भी उपयोग की गई है.उन्होंने बताया कि इस टाइल्स को बनाने में काफी कम समय लगता है.इसके लिए बस तेल-दूध के वेस्ट पैकेटों को इकठ्ठा करना पड़ता है यह पर्यावरण को भी साफ रखेगा, जिससे लोगों को भी फायदा मिलेगा
प्रसेनजीत मंडल का कहना कि इन टाइल्स को बनाने और प्रयोग करने में सीमेंट का इस्तेमाल नहीं होता और इससे कार्बनडाई ऑक्साइड का उत्सर्जन भी कम होता है. इसके साथ ही इसे काफी कम लागत में तैयार कर लिया जाता है और मजबूत भी अधिक है..
इन ब्लॉक-टाइल्स का डिजाइन आईआईटी रुड़की ने ही किया है. इसका उपयोग भवन परिसर, पार्क, रास्ते सहित कई जगहों पर किया जा सकता है. 25 किलो वेस्ट पॉलीथिन से 100 ब्लॉक टाइल्स तैयार किए जा सकते हैं और इसकी कीमत मात्र 40 से 45 रुपया है.