Flash Story
देहरादून :  मैक्स सुपर स्पेशलिटी हॉस्पिटल लिवर रोगों  को दूर करने में सबसे आगे 
जेल में बंद कैदियों से मिलने के लिए क्या हैं नियम
क्या आप जानते हैं किसने की थी अमरनाथ गुफा की खोज ?
राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु ने भारतीय वन सेवा के 2022 बैच के प्रशिक्षु अधिकारियों को दी बधाई
आग में फंसे लोगों के लिये देवदूत बनी दून पुलिस
आगर आपको चाहिए बाइक और स्कूटर पर AC जैसी हवा तो पड़ ले यह खबर
रुद्रपुर : पार्ट टाइम जॉब के नाम पर युवती से एक लाख से ज्यादा की ठगी
देहरादून : दिपेश सिंह कैड़ा ने UPSC के लिए छोड़ दी थी नौकरी, तीसरे प्रयास में पूरा हुआ सपना
उत्तराखंड में 10-12th के बोर्ड रिजल्ट 30 अप्रैल को होंगे घोषित, ऐसे करें चेक 

उत्तराखंड : रामनगर में बीजेपी का चिंतन शिविर शुरू, कल बनेगी विधानसभा चुनाव 2022 की रणनीति

[ad_1]

रामनगर. उत्तराखंड के रामनगर में बीजेपी का तीन दिवसीय चिंतन शिविर शाम 7 बजे से शुरू हो गया. शिविर के पहले दिन सीएम तीरथ सिंह, बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष मदन कौशिक, प्रदेश के प्रभारी दुष्यन्त गौतम और प्रदेश सह प्रभारी रेखा वर्मा के साथ ही प्रदेश के आला नेता मौजूद रहे.

कल आयोजित होंगे 5 सत्र

इस शिविर में पहले दिन राष्ट्रीय महामंत्री संगठन बीएल संतोष, पूर्व सीएम त्रिवेंद्र सिंह रावत, कैबिनेट मंत्री हरक सिंह और यशपाल आर्य नहीं पहुंचे. इस चिंतन शिविर में पहले सत्र से पहले प्रदेश अध्यक्ष मदन कौशिक ने पत्रकारों से मुखातिब होते हुए कहा कि इस शिविर में कल 5 सत्र होंगे. हर सत्र 1 घंटा 15 मिनट का होगा. जिसमें मुख्य रूप से 2022 विधानसभा चुनावों के लिए रणनीति बनाई जाएगी.

कार्यकर्ताओं के बेहतर काम की चर्चा

कल की मीटिंग में यह भी चर्चा होगी कि प्रदेश में कोविड की दूसरी लहर में बीजेपी के कार्यकर्ताओं ने जिस तरह से सराहनीय कार्य किया, वही विपक्ष की भूमिका सिर्फ धरना-प्रदर्शन तक सीमित रही. विपक्ष ने टूलकिट के द्वारा सरकार और बीजेपी को बदनाम करने का जो काम किया, उस पर भी यहां बातचीत होगी. वहीं सरकार की जन कल्याणकारी योजनाओं पर भी बात की जाएगी. आगे इन योजनाओं में सुधार करने की बात भी होगी.

पहले दिन कोरोना की संभावित तीसरी लहर पर चर्चा

पहले दिन की बैठक की ब्रीफिंग हालांकि नहीं की गई. लेकिन सूत्र बताते हैं कि पहले दिन उद्घाटन सत्र में कोविड की दूसरी लहर में हुए काम पर बात हुई. यह भी चर्चा हुई कि तीसरी लहर अगर आती है तो उसमें संगठन और सरकार के स्तर पर क्या किया जा सकता है. कुल मिलाकर लब्बोलबाब यह है कि दूसरी लहर से सबक लेकर तीसरी लहर की तैयारी पुख्ता रखी जाए.

[ad_2]

Source link

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back To Top