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Mann ki Baat: ‘पाणी राखो आंदोलन’ चलाने वाले भारती ने ऐसे लौटाई हरियाली, पीएम मोदी ने की तारीफ

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देहरादून. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मन की बात में बारिश के पानी के संरक्षण के लिए उत्तराखंड के पौड़ी गढ़वाल ज़िले के उपरैंखाल गांव में रहने वाले सच्चिदानंद भारती का भी जिक्र किया. पीएम ने कहा कि आज उपरैंखाल में साल भर पानी उपलब्ध रहता है. उपरैंखाल निवासी सच्चिदानंद भारती 1989 से पाणी राखो आंदोलन (पानी बचाओ आंदोलन) चलाते हैं. वे दूधातोली लोक विकास संस्थान के संस्थापक भी हैं. पेशे से शिक्षक रहे भारती ने उपरैंखाल की सूखी पहाडि़यों को हरा भरा करने का संकल्प लिया. इसके लिए उन्होंने महिला और युवक मंगल दल के सहयोग से पहाड़ों पर छोटे-छोटे कड़ाईनुमा जल तलैया बनाए. बरसात में ये जल तलैया पानी से लबालब हो जाते हैं. जो धीरे-धीरे रिसकर पूरे पहाड़ को नमी देता रहता है.

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सचिदानंद भारती की उपलब्धियों का जिक्र पीएम मोदी ने मन की बात में किया है.

कुछ ही सालों में इसके परिणाम भी दिखाई देने लगे. सूखे पहाड़ों पर कड़ाईनुमा गोल आकार के जल तलैया ने पूरे क्षेत्र को हरा भरा बना दिया. वर्षा जल संरक्षण के लिए भारती अभी तक उपरैंखाल और उसके आसपास के क्षेत्रों में 30 हजार से अधिक जल तलैया बनवा चुके हैं. सच्चिदानंद भारती इन जल तलैया को बनाने में न सीमेंट का प्रयोग करते हैं और ना ही प्लास्टिक का. सिर्फ गड्ढे खोदकर छोड़ दिए जाते हैं. जिनमें बरसात का पानी जमा होता है और फिर धीरे-धीरे जमीन में रिसता रहता है. इन जल तलैयाओं के कारण यहां की बरसाती नदी भी सदानीरा हो गई है.

सचिदानंद भारती को इससे पूर्व वर्षा जल संरक्षण के लिए डाॅ. आरएस टोलिया अवार्ड से भी नवाजा जा चुका है. यह पुरस्कार उन्हें मेघालय की राजधानी शिलॉग में दिया गया था. पुरस्कार के तहत एक लाख रूपए की नगद राशि और प्रशस्ति पत्र दिया जाता है. जल तलैयाओं के इस अनूठे कार्य को देखने के लिए अभी दर्जनों लोग, पर्यावरणविद उफरैंखाल का दौरा कर चुके हैं. साल 2000 में आरएसएस के तत्कालीन सरसंघचालक केएस सुदर्शन ने भी उपरैंखाल पहुंचकर सच्चिदानंद भारती के इस आंदोलन की सराहना की थी. प्रधानमंत्री मोदी द्वारा मन की बात में उनके काम का जिक्र किए जाने से भारती गदगद हैं. न्यूज 18 से बातचीत में भारती ने कहा कि पीएम मोदी ने हमारे काम का जिक्र किया है, ये हमारे लिये उत्साह बढ़ाने वाली बात है और इससे वर्षा जल संरक्षण के उनके काम को बल मिला है.

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