धामी विजन को साकार कर रहे पेयजल निगम के एमडी सुरेश चंद पंत से ख़ास साक्षात्कार

मुख्यमंत्री ने उत्तराखंड के व्यक्ति को इतनी बड़ी जिम्मेदारी दी उसे निष्ठा से निभाऊंगा
जल जीवन मिशन को मुख्यमंत्री सुनियोजित तरीके से आगे बढ़ा रहे हैं
मैंने अपनी सर्विस में बहुत कम छुट्टियां ली , इस साल केवल 2 दिन छुट्टी ली 
मार्च 2024 तक हर घर को शुद्ध पेयजल उपलब्ध कराएँगे
जब हम खुद अनुशासन में रहेंगे  तो सभी लोग अनुशासन में आएंगे
विभाग का एक नंबर है 1064  , जिसमें जनता कंप्लेंट कर सकती हैं

न्यूज़ वायरस हिंदी दैनिक के समूह सम्पादक मो0 सलीम सैफ़ी ने प्रदेश में पेयजल आपूर्ति और पेयजल योजनाओं पर केंद्र और राज्य सरकार के मिशन को तेजी से आगे बढ़ा रहे एमडी पेयजल निगम सुरेश चंद पंत से खास बातचीत की है, इस साक्षात्कार में एमडी पेयजल ने विस्तार से सभी अहम सवालों के जवाब दिए हैं। आइए पढ़ते हैं न्यूज़ वायरस के सवाल पेयजल निगम के मुखिया के जवाब

मो 0 सलीम सैफ़ी — आपको मुख्यमंत्री ने जो अहम जिम्मेदारी दी है भले ही ऐसी भौगोलिक परिस्थितियों के बीच जब आपदा आई हुई है बारिशों का मौसम है ऐसे में भी कड़ी चुनौतियां है और आप बड़े सुकून के साथ उत्तराखंड को मैनेज कर रहे हैं,  तो आपका चार्ज लेने के बाद सबसे बड़ी चुनौतियां क्या थी ? और कैसे आप आगे बढ़ रहे हैं ?

सुरेश चंद पंत एमडी :  मैं पहले बहुत ही आभारी हूं कि मुख्यमंत्री ने एक उत्तराखंड के व्यक्ति को एक अधिकारी को इतनी बड़ी जिम्मेदारी दी है और पेयजल निगम जैसे जो की मूलभूत अवस्थाओं की पूर्ति के लिए विभाग बनाया गया है इसमें मुझे काम करने का अवसर मिला है और उसके उच्च पद पर मुझे बैठाया गया है ,  जहां तक आपने मेरे इस क्षेत्र का होने और भौगोलिक परिस्थितियों की होने की बात कही है मैं पिथौरागढ़ से लेकर त्यूणी तक लगभग हर क्षेत्र में कुछ ना कुछ काम कर चुका हूं और पहले तो मेरा जन्म पिथौरागढ़ के गंगोलीहाट में समीप के एक गांव में हुआ जहा के हमारे फोरफादर बहुत पहले महाराष्ट्र से माइग्रेट होकर  गंगोलीहाट में आए और हम लोग कई वर्षों से यहां रह रहे हैं, तो वहां से सफर आगे बढ़ते हुए मैं अपना डिप्लोमा करने के बाद पेयजल निगम में भर्ती हुआ।  1983 में उसके बाद लगातार में रानीखेत ,नैनीताल, रानीखेत, उसके बाद देहरादून, चकरात, पौड़ी, टिहरी, उसके बाद फिर देहरादून फिर पौड़ी, और इसके बाद मुख्यालय के पद पर रहते हुए मैंने हर जनपद का लगभग भ्रमण किया और नजदीक से देखा। पहाड़ों में सबसे पहली चीज होती है जल की समस्या, गांव वालों को महिलाओं को ग्रामीणों को दूर से पानी लाना पड़ता है।  सरकार ने कुछ समय पहले एआरपी एक कार्यक्रम था जिसमें जल जीवन मिशन प्रधानमंत्री ने लांच किया है जिसको इस प्रदेश के मुख्यमंत्री इस योजना को बहुत ही अच्छे से सुनियोजित तरीके से आगे बढ़ा रहे हैं और हम लोगो को समय समय पर मार्गदर्शन  दे रहे है और दिशा निर्देश दे रहे हैं जिसका हम लोग पालन कर रहे हैं .

मो 0 सलीम सैफ़ी —  प्रधानमंत्री मोदी का विजन है हर घर को जल हर घर को नल तो इस योजना  , आप कितना फोकस कर रहे हैं और क्या टारगेट फिक्स किया है और क्या निर्देश दिए हैं ?

सुरेश चंद पंत एमडी : जिस दिन इस देश के प्रधानमंत्री ने 15 अगस्त 2019 को जल जीवन निगम मिशन की घोषणा की उस दिन उत्तराखंड में हमारे 14 लाख 94 हजार ग्रामीण परिवार रह रहे थे।  उसमें से मात्र एक लाख 30,000 परिवारों को हर घर जल उपलब्ध था। उसके पश्चात जल जीवन मिशन में प्लानिंग हुई सर्वे हुआ डीपीआर बनी और उसके बाद रेगुलर मॉनिटरिंग हुई डिस्टिक लेवल पर स्टेट लेवल पर सेंट्रल सेंट्रल गवर्नमेंट लेवल पर जब उसके बाद डीपीआर अप्रूवल हो गई।  उसके बाद काम हमने काम स्टार्ट किया डीपीआर अप्रूवल हुई टेंडर अप्रूवल हुए, उसके बाद डिस्टिक लेवल से हमें 5 करोड़ से काम की योजनाएं मिली 5 करोड़ से अधिक की योजनाएं थी। वह हमने स्टेट लेवल से अप्रूवल कराई और बहुत ही कम समय में यह मिशन चला उसके बाद फिर टेंडरिंग हुई वर्क ऑर्डर हुए और फिर काम शुरू हुआ।  उस समय 14 लाख 94 हजार परिवारों में से मात्र एक लाख 30 हजार परिवारों को पेयजल उपलब्ध था।  वर्तमान में लगभग 11 लाख 48000 परिवारों को कनेक्शन दे दिया गया है  . जिसके लिए खाली पेयजल निगम में 3 हजार 900  योजनाएं बनी है उनमें काम चल रहा है और यह प्रयास किए जा रहे हैं मार्च 2024 तक हर घर को योजनाएं पूर्ण करते हुए पेयजल उपलब्ध कराया जाएगा

मो 0 सलीम सैफ़ी —  आपके सामने एक बहुत बड़ी चुनौती थी विभाग में अनुशासन बनाना क्योंकि इंटरनल राजनीति के चलते पेयजल निगम को डैमेज करने भी कोशिश हो रही थी…  ऐसे में आपने अनुशासन कायम करते हुए छवि बदलने के लिए क्या प्रयास किये ?

सुरेश चंद पंत एमडी  : मेरा मानना है कि जब हम खुद अनुशासन में रहेंगे  तो सभी लोग अनुशासन में आएंगे। सबसे पहला हमारा दायित्व है पहाड़ी क्षेत्र में और हमें जो काम दिया गया है , एक तो टाइमली करें और उसके अलावा उसे समय दें , काम को करने में और जो हमें ज्ञान है उसको उसको काम में लगाएं। उसके अलावा जो चीजें हमें नहीं पता है एक्सपर्ट लोगों से लेकर आए उनकी नॉलेज एक्सपर्ट लोगों से लें।  उसके अलावा खुद जब हम मेहनत करेंगे काम करेंगे दूसरा अगला जो है आपसे जरूर प्रभावित होगा। जो अच्छा काम करेगा तो उससे हर कोई प्रभावित होगा , हम बिल्कुल दिलो जान से अच्छा काम करने का प्रयास करेंगे , अगर हम खुद ही काम को अगले दिन में टालेंगे या कोई ना कोई बहाना करेंगे नहीं आज हम छुट्टी ले लेते हैं , आज हम घूमने चले जाते हैं तो इन डिसिप्लिन आता है। मैं आपको बताऊं हमने अपनी सर्विस में बहुत कम छुट्टियां ली। इस साल भी सिर्फ 2 दिन छुट्टी ली होगी जिसमें 14-15 छुट्टी मिलती है। हमें लगता है कि अभी हमने कुछ काम किया ही नहीं जो काम है वह समय कम है। लेकिन काम को अच्छे तरीके से करें तो वही काम जो 10 घंटे में होता है वही 6 घंटे में भी हो जाता है। लेकिन काम के प्रति समर्पण होना जरूरी है  … यह मेरा सौभाग्य है कि जो हमारी टीम है भले ही  थोड़ी अनुभव की भी कमी है लेकिन जो नए हैं जो पुराने लोग हैं उनको मिक्स करके हम काम कर रहे हैं और सभी लोग सहयोग कर रहे हैं।

मो 0 सलीम सैफ़ी — प्रधानमंत्री और  मुख्यमंत्री का एक नारा है भ्रष्टाचार मुक्त भारत भ्रष्टाचार मुक्त उत्तराखंड , आप अपने इस निगम में ऐसी कोई योजना ऐसी कोई महत्वपूर्ण बात जो आप हमारे पाठकों संग शेयर करना चाहते हो ?

सुरेश चंद पंत एमडी  : देखिए हमें काम को गुणवत्ता और क्वालिटी से करना है और निष्पक्षता से करना है और इसके अलावा जैसे हमें टेंडर होते हैं कोई काम होता है तो उसमें हमें अपने काम को बिल्कुल टाइम देते हुए कम समय में करना है। भ्रष्टाचार तब होता है जब किसी चीज को लिंगर ऑन किया जाए। आप समय से अगर काम करेंगे तो उसमें ना भ्रष्टाचार की स्थिति होगी ना भ्रष्टाचार की संभावना रहेगी।  फिर ना आप पर आरोप लगाए जाएंगे अगर हम किसी काम को ढीले करेंगे उसमें आरोप भी लगते हैं की इस काम में कुछ ना कुछ गड़बड़ है।  तो हम काम को  फोकस करके करेंगे और बाकी सरकार ने भी विजिलेंस गठित की की हुई है।  HOD विजिलेंस ऑफिसर होगा वो वॉच रखेगा तो उसके लिए भी हमने नोडल अधिकारी नियुक्त कर दिए है।  उसके चलते ऐसी कोई भी शिकायत जनता की आती है जनता के सामने आती है तो 1064 एक नंबर है जिसमें वह कंप्लेंट कर सकते हैं उसमें जो भी होगा उसमें हम सहयोग करेंगे।

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