आशीष तिवारी की रिपोर्ट
राज्य के हरिद्वार, देहरादून व पौड़ी जनपदों के गोवंशीय व महिषवंशीय पशुओं में लम्पी स्किन डिजीज (USD) का संक्रमण फैल रहा है। राज्य में लम्बी स्किन डिजीज (ISD) की रोकथाम हेतु विशेष टीकाकरण अभियान चलाया जा रहा है। जिसके अन्तर्गत संकमित क्षेत्र के चारों ओर रिंग वैक्सीनेशन तथा अन्य राज्यों की सीमा से लगे हुए गाँवों में टीकाकरण अभियान चलाये जाने हेतु अभी तक एक लाख से अधिक वैक्सीन जनपद उधमसिंहनगर, हरिद्वार, देहरादून, पौडी व टिहरी को उपलब्ध करायी जा चुकी है तथा अतिरिक्त वैक्सीन की व्यवस्था की जा रही है। पर्वतीय क्षेत्रों में रोग के बचाव हेतु तलहटी के गाँवों में भी टीकाकरण किया जा रहा है। 23 अगस्त तक 3822 पशुओं का इलाज किया जा चुका है। जिसमें 823 पशु पूर्ण रूप से स्वस्थ हो गये हैं तथा 68 पशुओं की मृत्यु हुई है। रोग की रोकथाम हेतु रगी जनपदों में आवश्यक दिशा निर्देश जारी किये जा चुके है। जिसके अंतर्गत संकलित पशुओं से स्वस्थ पशुओं को पृथक किये जाने के निर्देश दिये गये हैं। रोग के संक्रमण को रोकने के लिए राज्य के बाहर से पशुओं को आयात न किया जाय, साथ ही राज्य के अन्दर पशुओं की आवाजाही हेतु क्षेत्रीय पशु चिकित्साधिकारी द्वारा निर्गत रोग से मुक्त स्वस्थता प्रमाण पत्र की अनिवार्यता आवश्यक की गई है। स्वस्थ पशुओं को संक्रमण से बचाने हेतु पशु को स्वस्थ रखा जाना आवश्यक है तथा पशुओं के उर्जा स्तर को बनाये रखने के लिए मिनरल मिक्चर आदि का प्रयोग किया जाय। पशुओं के आस-पास साफ-सफाई रखी जानी आवश्यक है तथा स्थानीय विकास के माध्यम से फोनिंग द्वारा मकर व जू से बचाव किये जाने के उपाय करने आवश्यक है। मृत पशु की वैज्ञानिक रूप से गहरा दफन कर निस्तारित किया जाय जिससे रोग फैलने पर अंकुश लगाया जा सके। मृत पशु की खाद्य चारा व अन्य वस्तुएँ पशु के साथ ही निस्तारित की जानी आवश्यक है। यदि किसी पशु को तीव्र ज्वर और गांठ और चकत्ते जैसे लक्षण दिखाई देते है तो तत्काल रोग की सूचना पशुपालन विभाग की किसी भी संस्था पर आवश्यक रूप से सूचित किया जाए ताकि रोग की रोकथाम हेतु समुचित उपाय किये जा सके।