मंकीपॉक्स से सावधान

दुनियाभर में मंकीपॉक्स के मामले तेजी से बढ़ रहे हैं और ये वायरस अब खतरनाक रूप लेता जा रहा है। दुनिया के 80 देशों में अब तक 17 हजार से ज्यादा मामले सामने आ चुके हैं तो वहीं भारत में भी इस वायरस ने अपना रूप दिखाना शुरू कर दिया है। बता दे की भारत में भी इसकी पुष्टि हो चुकी है। सिर्फ भारत में ये वायरस अब तक 4 लोगों को अपनी चपेट में ले चुका है। देरी न करते हुए वर्ल्ड हेल्थ ऑर्गनाइजेशन ने इसे ग्लोबल हेल्थ इमरजेंसी घोषित कर दिया है।

आंकड़ों पर नजर डालें तो इस वायरस का सबसे ज्यादा असर यूरोप के देशों में देखने को मिला है जहां पर पूरी दुनिया के 80 प्रतिशत मामले यहीं मिले हैं। मंकीपॉक्स की वजह से अब तक 5 लोगों की मौत भी हो चुकी है। भारत में इसको लेकर अलर्ट जारी कर दिया गया है। 21 दिनों के भीतर विदेश की यात्रा करने वाले लोगों की स्क्रीनिंग की जा रही है। भारत में 4 संक्रमित लोग केरल में मिले हैं। संक्रमित पाए जाने पर उनके संपर्क में आने वाले लोगों की भी जांच कराई गई है।मंकीपॉक्स कितनी तेजी से पैर पसार रहा है इस बात का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है। कि ये 80 देशों में 17 हजार से ज्यादा लोगों को अपनी चपेट में ले चुका है। आपको बता दे Monkeypoxmeter.com पर मौजूद डेटा के मुताबिक, अब तक विश्व के 80 देशों में सत्रह हज़्ज़ार बानवे केस सामने आ चुके हैं, जिसमे 5 लोगों की मौत भी हो गई है।

इसमें भारत के 4 मामले भी शामिल हैं, जिनमें 3 मामलों की पुष्टि हो चुकी है। मंकीपॉक्स को ग्लोबल हेल्थ इमरजेंसी घोषित करने के पीछे डब्ल्यूएचओ ने सबसे बड़ी वजह ये बताई है, कि अब इस बीमारी के तेजी से फैलने का खतरा बढ़ गया है और इसलिए इंटरनेशनल लेवल पर मिलकर मंकीपॉक्स से लड़ाई लड़ने की जरूरत है। इस बीमारी के खतरे की अगर बात की जाए तो ये वायरस कोरोना वायरस से कम खतरनाक है। इसके मामलों में मृत्यु दर भी कम है। अभी तक दुनिया में सिर्फ 5 देशों में इस वायरस की वजह से मौत हुई।

इस बीमारी में मास्क पहनना जरूरी है, इसके साथ ही इसमें भी सोशल डिस्टेंसिंग जरूरी है। इसका टेस्ट स्किन के जरिए होता है। इस टेस्ट के बाद ही पता चल पाता है कि संक्रमित व्यक्ति में मंकीपॉक्स का वायरस है या कोई दूसरी बीमारी है।

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