आधार का दायरा बढ़ाने की तैयारी शुरू हो गई है. इसके लिए आधार की सरकारी एजेंसी यूनीक आइडेंटिफिकेशन अथॉरिटी ऑफ इंडिया यानी कि यूआईडीएआई ने राज्यों से कहा है कि वे सरकारी काम में आधार का दायरा बढ़ाएं जिससे कि सरकारी पैसे की बर्बादी रोकी जा सके. योजना के मुताबिक, राज्यों में सरकारी योजनाओं में आधार ऑथेंटिकेशन का उपयोग बढ़ाया जाएगा. इसका मकसद डुप्लिकेट और फर्जी लाभार्थियों को योजना के दायरे से बाहर करना है.
यूआईडीएआई के मुताबिक हर 10 साल पर कोई व्यक्ति अपनी इच्छा से बायोमेट्रिक्स और डेमोग्राफिक डिटेल को अपडेट करा सकेगा. अभी यह नियम नहीं है. मौजूदा नियम के मुताबिक, 5 से 15 साल की उम्र के बच्चों को अपना बायोमेट्रिक्स डेटा अपडेट कराने की अनुमति दी जाती है.
बायोमेट्रिक्स अपडेट
5 साल से कम उम्र के बच्चों का बाल आधार बनाया जाता है जिसमें उसका फोटो लगा होता है और माता-पिता या अभिभावक की बायोमेट्रिक्स डिटेल दर्ज की जाती है. बच्चा जब 15 साल का हो जाता है, तो उसके बायोमेट्रिक्स को अपडेट कर दिया जाता है. इसमें फिंगरप्रिंट और आइरिस स्कैन आदि लिए जाते हैं. इस अपडेशन के लिए आधार परमानेंट एनरोलमेंट सेंटर में जाना होता है. इसी क्रम में नाम और पता आदि को भी अपडेट किया जाता है. आप चाहें तो अपने राज्य और पोस्टल कोड के आधार पर यूआईडीएआई की वेबसाइट से आधार एनरोलमेंट सेंटर की जानकारी ले सकते हैं.
बायोमेट्रिक्स कैसे सुरक्षित करें
आधार का दुरुपयोग रोकने के लिए यूआईडीएआई उसे लॉक करने की सलाह देता है. यह खास फीचर है जिसमें अस्थायी तौर पर आधार नंबर को लॉक और अनलॉक किया जा सकता है. इससे कार्ड होल्डर का बायोमेट्रिक्स डेटा सुरक्षित रहता है और गोपनीयता बनी रहती है. व्यक्ति चाहे तो ऑथेंटिकेशन से पहले अपने आधार को आसानी से अनलॉक कर सकता है. आइए जानें आधार को कैसे लॉक-अनलॉक कर सकते हैं