मुख्यमंत्री ने कहा कि उत्तराखण्ड में पर्यटन के क्षेत्र में अपार संभावनाएं हैं। इस संभावनाओं के दृष्टिगत इस तरह के आयोजन समय-समय पर होने चाहिए। राज्य के लिए पर्यटन उद्योग रीढ़ की हड्ड़ी के समान है। प्रदेश की एक बड़ी जनसंख्या पर्यटन पर आश्रित है। सरकार राज्य में पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए पूर्ण रूप से संकल्पित है। मुख्यमंत्री ने कहा कि कोरोना की वजह से पिछले दो साल में सभी क्षेत्रों में लोगों को समस्याओं से जूझना पड़ा। कोरोना की वजह से लगभग सभी क्षेत्रों में लोगों के कार्य प्रभावित हुए। कोरोना काल में सरकार द्वारा विभिन्न क्षेत्रों से जुड़े लोगों को राहत देने का कार्य किया गया। उन्होंने कहा कि इस बार प्रदेश में चारधाम यात्रा में लाखों श्रद्धालुओं के आने की सम्भावनाएं हैं। यह हमारे लिए चुनौती भी होगी। हमारा प्रयास है कि देवभूमि उत्तराखण्ड आने वाले श्रद्धालुओं को प्रदेश में सभी सुविधाएं उपलब्ध हों। अतिथि देवो भवः उत्तराखण्ड की परंपरा रही है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के मार्गदर्शन में उत्तराखण्ड तेजी से विकास की ओर अग्रसर है। प्रधानमंत्री ने नवम्बर 2021 में श्री केदारनाथ में कहा कि यह दशक उत्तराखण्ड का दशक होगा। अभी तक जितने श्रद्धालु उत्तराखण्ड में आये हैं, उससे कई गुना अधिक श्रद्धालु आने वाले दस वर्षों में देवभूमि उत्तराखण्ड आयेंगे। मुख्यमंत्री ने कहा कि 2025 में जब हम उत्तराखण्ड राज्य की रजत जयंती मनाएंगे, उस समय उत्तराखण्ड हर क्षेत्र में अग्रणी राज्यों में होगा। उत्तराखण्ड को अग्रणी राज्य बनाने में उत्तराखण्ड की जनता की भी महत्वपूर्ण भूमिका होगी। हमें अपने स्थानीय उत्पादों को बढ़ावा देना होगा।
विधायक विनोद चमोली ने कहा कि राज्य की आर्थिकी में पर्यटन क्षेत्र महत्वपूर्ण है। धार्मिक पर्यटन के साथ ही उत्तराखण्ड में साहसिक पर्यटन में अनेक संभावनाएं हैं। इस अवसर पर सचिव पर्यटन दिलीप जावलकर, उद्योग एसोसिएशन के अध्यक्ष पंकज गुप्ता, चैम्बर ऑफ कॉमर्स, फिक्की एवं पर्यटन से जुड़े पदाधिकारी मौजूद थे।