मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी का चंपावत विधानसभा से उपचुनाव लड़ना लगभग तय हो गया है। 24 अप्रैल को भाजपा की अहम बैठक में सीएम धामी को चुनाव लड़ाने का ऐलान हो सकता है। सूत्रों की मानें तो पार्टी हाईकमान और संगठन में चंपावत पर सहमति बन गई है, बस इसका औपचारिक ऐलान होना बाकी है।
चंपावत विधायक कैलाश गहतोड़ी सीएम के लिए अपनी सीट छोड़ने को तैयार हैं। नतीजों में सीएम धामी की हार के बाद कैलाश गहतोड़ी ने कहा था कि यदि पार्टी धामी को ही सीएम बनाती है तो वे अपनी सीट उनके लिए छोड़ देंगे। धामी के सीएम बनने के बाद कई अन्य विधायकों ने भी सीट छोड़ने की पेशकश की थी। लेकिन पिछले दिनों चंपावत के दौ दिवसीय दौरे पर जिस तरह सीएम ने सक्रियता दिखाई थी और क्षेत्र के लिए कई घोषणाएं की थी उससे इन कयासों को बल मिल गया, कि धामी चंपावत से ही चुनाव लड़ेंगे।
चम्पावत से भाजपा विधायक कैलाश गहतौड़ी ने प्रदेश भाजपा संगठन को अपना त्यागपत्र सौंप दिया है। पार्टी सूत्रों के अनुसार अब इस बारे में विमर्श कर केंद्रीय नेतृत्व को प्रस्ताव भेजा जाएगा। इसके साथ ही अब यह तय हो गया है कि मुख्यमंत्री धामी चम्पावत से ही उपचुनाव लड़ेंगे।
विधानसभा चुनाव में भाजपा ने 70 में से 47 सीटें जीतकर दो-तिहाई बहुमत हासिल किया, लेकिन मुख्यमंत्री स्वयं खटीमा से चुनाव हार गए थे। इसके बावजूद भाजपा नेतृत्व ने धामी पर विश्वास जताते हुए उन्हें लगातार दूसरी बार मुख्यमंत्री बनाया। अब धामी को छह माह के भीतर विधानसभा का सदस्य बनना है।
धामी के फिर से मुख्यमंत्री बनने के बाद सबसे पहले चम्पावत से पार्टी विधायक कैलाश गहतौड़ी ने उनके लिए अपनी सीट छोड़ने की घोषणा की। इसके बाद पार्टी के कुछ अन्य विधायकों के साथ ही एक निर्दलीय और कांग्रेस के एक विधायक ने भी ऐसी ही पेशकश की।
इसलिए सीएम धामी ने चुनी चंपावत सीट –
1. चंपावत विधानसभा क्षेत्र खटीमा से सटा हुआ
2. दूसरी बार सीएम बनते ही सीएम का पहला दौरा चंपावत का रहा सीएम ने चंपावत के लिए कई घोषणाएं और विकास कार्यों का निरीक्षण किया।
3.चंपावत विधानसभा में सैन्य परिवारों के वोटरों की अच्छी तादाद है, जो भाजपा को परंपरागत वोटर रहे हैं।
4. खटीमा से सटा होने के कारण जातीय और क्षेत्रीय समीकरण यहां सीएम धामी के लिए फिट बैठते हैं
हाल में मुख्यमंत्री ने दिल्ली प्रवास के दौरान अपने उपचुनाव के लिए सीट के संबंध में पार्टी के केंद्रीय नेताओं से बातचीत की। सूत्रों के अनुसार केंद्रीय नेतृत्व ने धामी को चम्पावत से उपचुनाव लड़ने को हरी झंडी दे दी। इसके बाद पार्टी का प्रांतीय नेतृत्व भी सक्रिय हो गया था।
सूत्रों ने बताया कि चम्पावत की जिला इकाई की ओर से भी मुख्यमंत्री को चम्पावत से उपचुनाव लड़ाने का प्रस्ताव प्रदेश नेतृत्व को भेजा गया है। अब विधायक गहतोड़ी ने भी अपना त्यागपत्र प्रदेश संगठन को भेजा है। यद्यपि, सीट तभी रिक्त होगी, जब गहतोड़ी विधानसभा अध्यक्ष को अपना त्यागपत्र सौंपेंगे।