पाकिस्तान के बालाकोट में एयरस्ट्राइक और जम्मू कश्मीर में आर्टिकल 370 हटवाने में हिंदुस्तानी हुकूमत के साथ महत्वपूर्ण भूमिका में हर लम्हा कंधे से कंधा मिलाकर खड़े रहे वरिष्ठ आईपीएस अधिकारी और मौजूदा RAW CHIEF (रॉ प्रमुख) सामंत कुमार गोयल 30 जून को रिटायर हो रहे हैं. इतनी बड़ी उपलब्धियों को ‘रॉ’ जैसी दुनिया की बड़ी और मशहूर खुफिया एजेंसी के सेवाकाल में अपनी झोली में डालकर जा रहे सामंत कुमार गोयल की ही टक्कर का दूसरा यानी खाली हो रही रॉ चीफ की कुर्सी पर भी बैठने के लिए काबिल अफसर की तलाश लंबे समय से जारी थी. यह नाम निकल कर सामने आया है रवि सिन्हा.
रवि सिन्हा 1988 बैच छत्तीसगढ़ कैडर के दबंग और बेहद सूझबूझ वाले,भारतीय पुलिस सेवा के यानी आईपीएस अधिकारी हैं. आखिर कैसे और क्यों किस काबिलियत के चलते देश के आईपीएस की तमाम भीड़ में से इन्हीं रवि सिन्हा को हिंदुस्तानी हुकमत ने सौंपी है ‘रॉ’ (Raw Chief) जैसे महत्वपूर्ण खुफिया एजेंसी की जिम्मेदारी ये भी जान लीजिये
एन के सूद जो खालिस्तान मूवमेंट और पाकिस्तान, अफगानिस्तान, कनाडा में पल रही भारत विरोधियों ताकतों पर नजर रखने के लिए हिंदुस्तानी हुकूमत द्वारा विशेष रूप से तैनात किए गए थे बतौर रॉ डिप्टी सेक्रेटरी लंदन में. बकौल एन के सूद, “मैं इतनी अहम एजेंसी के प्रमुख के पद की जिम्मेदारी सौंपे जाने वाले अफसर रवि सिन्हा के ऊपर कोई बात करने के काबिल खुद को नहीं समझता हूं. हां, रॉ में फील्ड अफसर से शुरुआत करके डिप्टी सेक्रेटरी के पद से रिटायर होने के चलते अपनी इस सम्मानित एजेंसी के वरिष्ठ के बारे में थोड़ा बहुत जो जानता हूं वही साझा कर सकता हूं.”
भारत की खुफिया एजेंसी रॉ के अब जो नए प्रमुख या चीफ बनाए जा रहे हैं रवि सिन्हा यह ‘ऑपरेशन मैन’ के नाम से मशहूर हैं. यह बात चुनिंदा लोगों को ही मालूम है, जो रवि सिन्हा को बेहद करीब से जानते समझते हैं. हालांकि, जिन लोगों को यह राज मालूम भी होगा उनमें से अधिकांश खुलकर इसका जिक्र कभी नहीं करेंगे, जबकि रवि सिन्हा की यह “ऑपरेशन मैन” की छवि ही उन्हें रॉ के प्रमुख की कुर्सी पर लाकर बिठाने में तुरुप का पत्ता साबित हुई . यह बात मौजूदा हिंदुस्तानी हुकूमत को भी शर्तिया पता होगी क्योंकि ‘रॉ’ जैसी दुनिया की मशहूर एजेंसी को लीड करना बच्चों का खेल नहीं है.”
रवि सिन्हा की सबसे बड़ी खूबी है खामोशी
रॉ चीफ का सलेक्शन करना उसकी कुर्सी पर किसी को लाकर बैठाना हिंदुस्तान की किसी भी हुकूमत के लिए एक बड़ा चैलेंज होता है क्योंकि इस पद का एक गलत सलेक्शन, भारत को एक झटके में अंतरराष्ट्रीय मामलों में कई दशक पीछे धकेल सकता है.” यहां बताना जरूरी है कि वर्तमान समय में रवि सिन्हा मंत्रिमंडल सचिवालय में विशेष सचिव के पद पर तैनात हैं.