देश दुनिया के तीर्थयात्रिओं को देवभूमि आने पर्व एक बदले हुए अद्भुत बद्रीनाथ धाम का दर्शन हो सकेगा। देवभूमि से गहरी आस्था रखने वाले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के ड्रीम प्रोजेक्ट बदरीनाथ धाम मास्टर प्लान का तेज़ी से काम आगे बढ़ रहा है। राज्य सरकार की योजना है कि बदरीनाथ धाम को भी काशी विश्वनाथ कॉरिडोर की तर्ज पर स्मार्ट स्प्रिचुअल हिलटाउन के रूप में विकसित किया जाये । बदरीनाथ धाम के मास्टर प्लान का पूरा नक्शा गुजरात की कंपनी आईएनआई ने डिजाइन किया है। इसी नक्शे के आधार पर पहले फेज के नव निर्माण का काम भी शुरू कर दिया गया है। ऐसे में साल 2023 में जब बदरीनाथ की यात्रा शुरू होगी तो बदरीनाथ धाम किसी स्मार्ट आध्यात्मिक स्थान से कम नहीं होगा। खुद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी बदरीनाथ में होने जा रहे कामों की मॉनिटरिंग कर रहे हैं। प्रधानमंत्री मोदी के ड्रीम प्रोजेक्ट बदरीनाथ धाम को ठीक वैसे ही विकसित किया जा रहा है, जैसे कशी विश्वनाथ कॉरिडोर को किया गया है।
आधुनिकीकरण का बजट है 277 करोड़ – प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी बद्रीनाथ और केदारनाथ धाम को विश्व पटल पर विकसित करके एक नई पहचान देना चाहते हैं। जिससे दोनों ही धामों में आने वाला हर एक श्रद्धालु वहां की आध्यात्मिकता को हमेशा अपनी यादों में रखे। पीएम की भावना को समझते हुए उत्तराखंड की धामी सरकार भी तेज़ गति से निर्माण कार्यों को आगे बढ़ा रही है जिसके लिए खुद मुख्यमंत्री धामी स्पॉट्स का दौरा कर ग्राउंड पर मुआयना कर निर्देश भी दे रहे हैं। बदरीनाथ धाम में भूमि अधिग्रहण का काम लगभग पूरा हो गया है और इस भूमि अधिग्रहण में तकरीबन 22 सरकारी भवनों के साथ-साथ अन्य दूसरे भवनों का भी अधिग्रहण किया गया है। इस मामले में अभी तक 33 करोड़ रुपए का मुआवजा भी दिया गया है।
धाम में वन-वे लूप रोड का पहाड़ी शैली के पत्थर से निर्माण होगा. इसमें लगभग 700 मीटर सड़क बनाई जाएगी। अराइवल प्लाजा का निर्माण किया जाएगा, जहां यात्रा टिकट की बुकिंग, होटलों की जानकारी जैसी सुविधाएं तीर्थ यात्रियों को दी जाएगी। बदरीनाथ में स्थित शेष नेत्र झील और बदरीश झील का सौंदर्यीकरण होगा। ये दोनों झीलें लगभग 300 मीटर तक फैली हैं, बदरीनाथ धाम में स्थित अस्पताल का विस्तारीकरण होगा, जिससे कि यहां आने वाले तीर्थयात्रियों को अच्छा उपचार मिल सकेगा। इसके साथ ही धाम में सभी घाटों का सौंदर्यीकरण और निर्माण कार्य किया जाएगा।
बदरीनाथ धाम के इस मास्टर प्लान के तहत आने वाले 100 सालों की जरूरत को ध्यान में रखते हुए इस धाम को विकसित किया जा रहा है। इसी आधार पर बुनियादी ढांचों के विकास के साथ-साथ यात्रियों की सुविधाओं के लिए आवश्यक इंतजाम किए जाएंगे। तो अगर आप कुछ साल या महीने बाद बद्रीनाथ धाम आएंगे तो आपको एकदम बदली हुयी तस्वीर नज़र आएगी और ेल अलग ही भव्यता का अनुभव होगा।