मलेरिया एक ऐसी बीमारी है जो मच्छरों के कारण मनुष्यों में फैलती है. वैसे तो मलेरिया के मामले दुनियाभर में पाए जाते हैं, लेकिन विशेष रूप से ये सहारा अफ्रीका और एशिया के ज्यादातर देशों में पाया जाता है. भारत में तो पूरे साल ही मलेरिया का खतरा बना रहता है. मच्छरों के कारण होने वाली ये एक ऐसी बीमारी है जिसका समय रहते सही उपचार नहीं किया गया, तो ये जानलेवा भी हो सकती है. डब्ल्यूएचओ (WHO) के आंकड़ों पर नजर डालें तो साल 2021 में दुनिया भर में मलेरिया के अनुमानित 247 मिलियन मामले थे, वहीं मलेरिया से होने वाली मौतों की अनुमानित संख्या 619 000 थी.इस बीमारी की गंभीरता को समझाने और इसके बारे में जागरूक करने के लिए हर साल विश्व मलेरिया (World Malaria Day) दिवस मनाया जाता है. हर साल इसकी एक अलग थीम निर्धारित की जाती है. साल 2023 की थीम है- ‘Ready To Combat Malaria’ यानी मलेरिया से लड़ने के लिए तैयार. आज आपको बताते हैं इस बीमारी के लक्षण और बचाव के बारे में.
ये हैं हल्के और गंभीर मलेरिया के लक्षणडब्ल्यूएचओ के मुताबिक मलेरिया के लक्षण आमतौर पर संक्रमित मच्छर द्वारा काटे जाने के 10-15 दिनों के भीतर दिखने शुरू हो जाते हैं. कुछ लोगों में लक्षण हल्के हो सकते हैं, खासकर उन लोगों में उन्हें पहले मलेरिया का संक्रमण हो चुका है. इसके शुरुआती लक्षण कंपकंपी वाली ठंड लगना, तेज बुखार और सिरदर्द को माना जाता है. इसके अलावा शरीर में दर्द, जी मिचलाना, उल्टी होना, पसीना आना आदि भी हो सकते हैं.
क्या है बचाव का तरीका
मच्छरदानी लगाकर सोएं और ध्यान रखें कि आसपास सफाई हो.घर के अंदर मच्छर मारनेवाली दवा छिड़कें और मॉस्कीटो रिपेलेंट मशीनों का इस्तेमाल करें.घर के दरवाजों और खिड़कियों पर जाली लगाकर रखें.कमरे में एसी और पंखों का इस्तेमाल करें, ताकि मच्छर एक जगह पर न बैठें.पूरी बाजू के कपड़े पहनें, ताकि आपके शरीर के अंग ज्यादा खुले न रहें. उन जगहों पर जाने से बचें जहां झाड़ियां हो या जहां पानी इकट्ठा हो क्योंकि वहां मच्छर पनपने का खतरा ज्यादा होता है.