मतदान से 3 दिन पहले रवाना होंगी दूर-दराज की पोलिंग पार्टियां

मतदान से तीन दिन पहले उत्तराखंड के 12 केंद्रों के लिए पोलिंग पार्टियां रवाना हो जाएंगी। उत्तराखंड के मुख्य निर्वाचन अधिकारी बीवीआरसी पुरूषोत्तम ने कहा कि इनमें उत्तरकाशी में 11 केंद्र और पिथोरागढ़ में 1 मतदान केंद्र शामिल है। भारत निर्वाचन आयोग के अनुसार, उत्तराखंड में लोकसभा चुनाव 19 अप्रैल को होने हैं। यह चुनाव एक ही चरण में होगा, जिसमें सभी निर्वाचन क्षेत्र शामिल होंगे। भाजपा ने 2014 और 2019 दोनों आम चुनावों में राज्य के सभी संसदीय क्षेत्रों में जीत हासिल की। उत्तराखंड में 5 लोकसभा क्षेत्र हैं, जिनमें अल्मोडा, गढ़वाल (पौड़ी), हरिद्वार, नैनीताल-उधम सिंह नगर और टिहरी गढ़वाल शामिल हैं।

राज्य में लोकसभा सामान्य निर्वाचन 2024 को सुरक्षित एवं शांतिपूर्ण ढंग से सम्पन्न कराने के लिए मुख्य निर्वाचन अधिकारी पुरूषोत्तम ने सभी जिला निर्वाचन अधिकारियों को मतदान से संबंधित सभी आवश्यक व्यवस्थाएं समय पर पूर्ण करने के निर्देश दिये हैं। उन्हें सभी मतदान केन्द्रों पर सभी मूलभूत आवश्यकताओं एवं भारत निर्वाचन आयोग के दिशा-निर्देशों के अनुरूप सभी व्यवस्थाएं सुचारू रखने के निर्देश दिये गये हैं। 2024 के आम चुनाव के लिए कठिन भौगोलिक परिस्थितियों को देखते हुए राज्य में 12 पी माइनस तीन मतदान केंद्र स्थापित किए गए हैं। इन मतदान केंद्रों के लिए मतदान दलों को मतदान से तीन दिन पहले जिला मुख्यालय से रवाना किया जाएगा। जिन मतदान केंद्रों पर तीन दिन पहले पोलिंग पार्टियां रवाना की जाएंगी, उनमें से 11 उत्तरकाशी जिले में और एक पिथौरागढ जिले में है। उत्तरकाशी जिले के पुरोला विधानसभा क्षेत्र में पी माइनस तीन मतदान केंद्र राजकीय उच्च प्राथमिक विद्यालय कलाप, राजकीय प्राथमिक विद्यालय लिवाड़ी, राजकीय प्राथमिक विद्यालय कसाला, राजकीय प्राथमिक विद्यालय राला, राजकीय उच्च प्राथमिक विद्यालय फितारी, राजकीय प्राथमिक विद्यालय ओसला, राजकीय प्राथमिक विद्यालय पवनी, हैं। पी-माइनस तीन मतदान केंद्रों में राजकीय प्राथमिक विद्यालय गंगाड़, राजकीय प्राथमिक विद्यालय बारी, राजकीय प्राथमिक विद्यालय सेवा और राजकीय प्राथमिक विद्यालय हडवाड़ी, जबकि पिथौरागढ़ जिले के धारचूला विधानसभा क्षेत्र में राजकीय प्राथमिक विद्यालय कनार भी शामिल है। पी माइनस तीन मतदान केंद्रों के लिए मतदान दल ईवीएम और अन्य चुनाव सामग्री के साथ तीन दिन पहले मतदान केंद्रों के लिए रवाना होंगे।

पहली रात मतदान कर्मी सरकारी भवनों में रुक सकेंगे. उन्हें इसकी जानकारी सभी राजनीतिक दलों के लोगों को देनी होगी. ताकि वे ईवीएम और अन्य चुनाव सामग्री पर नजर रख सकें. लोकतंत्र के इस महापर्व में प्रत्येक मतदाता को मतदान का अधिकार मिले, इसके लिए सभी आवश्यक व्यवस्थाएं की गई हैं। दूरदराज के इलाकों में रहने वाले मतदाताओं को अपने मताधिकार का प्रयोग करने के लिए नजदीकी स्थानों पर मतदान केंद्र स्थापित किए गए हैं। उन्होंने कहा, ये वे मतदान केंद्र हैं, जो बर्फीले, बेहद कठिन भौगोलिक परिस्थितियों और पहाड़ी इलाकों में स्थित हैं।

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