मलिन बस्तियों के मुद्दे पर धामी सरकार पर पूर्व विधायक राजकुमार का जोरदार हमला

अनुसूचित जाति विभाग के प्रदेश अध्यक्ष एवं पूर्व विधायक राजकुमार ने पत्रकार वार्ता में मलिन बस्तियों को लेकर भाजपा सरकार को घेरा. पत्रकार वार्ता को संबोधित करते हुए पूर्व राजकुमार ने कहा कि साल 1977 से 1980 में जब स्व. इन्दिरा गांधी प्रधानमंत्री थी तब गरीब लोगो के यहाँ पर बजंर भूमि पडी थी, उसको आबाद करने की मांग हुई तभी से मलिन बस्ती का शुभारम्भ हुआ.

भाजपा पर लगाया आरोप

वहीँ पूर्व विधायक राजकुमार ने कहा कि उत्तराखण्ड नगर निकायों एवं प्राधिकरण के लिए विशेष प्राविधान अधिनियम की धारा 4(1) के तहत इस अधिनियम के लागू होने के 3 साल के अन्दर मलिन बस्तियों का समाधान करना था मगर सरकार नींद में सोई हुई है. 17 अक्टूबर 2021 को समय सीमा ख़त्म हो रही है लेकिन सरकार ने अभी तक कुछ भी नही किया. उन्होंने भाजपा सरकार पर आरौप लगाया की भाजपा सरकार जनता को भ्रमित करने के लिए 3 साल का समय बढ़ाकर नगरीय विकास का काम अवरुद्ध करने का काम कर रही है.

कांग्रेस सरकार द्वारा किये गए कार्य- पूर्व विधायक राजकुमार

उन्होनें बताया कि वर्ष 2016 में तत्कालीन कांग्रेस सरकार द्वारा उत्तराखण्ड राज्य के नगर निकायों में अवस्थित मलिन बस्तियों के सुधार, विनियमितिकरण, पुर्नवासन, पुर्न व्यवस्थापन एवं अतिक्रमण निषेध अधिनियम, 2016 लाया गया था. अधिनियम का उद्देश्य नगर निकायों में अवस्थित मलिन बस्तियों के सुधार, विनियमितिकरण, पुनर्वासन एवं पुनर व्यवस्थापन था तत्पश्चात 30 दिसम्बर 2016 को कांग्रेस सरकार ने बनाया.

पूर्व विधायक राजकुमार ने दिए सुझाव 

पूर्व विधायक राजकुमार ने कहा कि प्रथम श्रेणी में ऐसी मलिन बस्तियों का वर्गीकरण करना था जिनमें भू-स्वामित्व के अधिकार प्रदान किये जा सके. दूसरी श्रेणी की मलिन बस्तियों में आंशिक भू-स्वामित्व अधिकार प्रदान किये जा सके. तृतीय श्रेणी में ऐसी मलिन बस्तियों का चिन्हीकरण होना था जिनका पुर्नवास किसी वैकल्पिक स्थान पर किया जा सके..

उन्होने बताया कि राज्य में कुल 582 मलिन बस्तियों को चिन्हित किया गया जिसमें से 102 बस्तियों को श्रेणी 1 में चिन्हित किया गया लेकिन उन्हें भी आज तक नियमित नही किया गया. उन्होनें कहा कि अगर मलिन बस्तियों को तोडा़ गया तो कांग्रेस इसका विरोध करेगी. पत्रकार वार्ता में प्रदेश मीडिया प्रभारी राजीव महर्षि, वरिश्ठ प्रवक्ता डा. आर.पी. रतूडी, प्रदेश प्रवक्ता दीप बोहरा, डा. प्रतिमा सिंह, एवं एआईसीसी सदस्य श्री जयेनद्र रमोला उपस्थित रहे.

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