हिंदुस्तानी परिवार को पसंद है किश्तों की खरीददारी – पढ़िए आंकड़े

देश में लोग शॉपिंग करने के लिए ईएमआई (EMI) ज्यादा पसंद कर रहे हैं। नकद रुपये, क्रेडिट कार्ड और डेबिट कार्ड या यूपीआई की जगह लोग ईएमआई कार्ड (Indians Prefer Shopping By Taking Loan) का इस्तेमाल करना पसंद कर रहे हैं। एक सर्वे में ये बात सामने आई है। मिंट की रिपोर्ट के मुताबिक, होम क्रेडिट इंडिया (Home Credit India) की सालाना कंज्यूमर स्टडी ‘हाऊ इंडिया बारोज’ में यह बात सामने आई है।

यह सर्वे (Survey) हाउ इंडिया बॉरोज़ 2022, मुंबई, बेंगलुरु, दिल्ली, कोलकाता, चेन्नई, लखनऊ, पटना और रांची सहित 16 शहरों में किया गया है। सर्वे के मुताबिक, यह पता चला है कि भारत में 50% से अधिक लोग खरीदारी के लिए ईएमआई कार्ड या किसी क्रेडिट कार्ड का उपयोग तुरंत भुगतान करने के बजाय करना पसंद करते हैं। बता दें कि ईएमआई (EMI) एक मासिक किस्त है। इसमें किसी भी समान को खरीदने पर उसका पूरा पेमेंट मासिक किस्तों में किया जाता है।16 शहरों में किए गए इस सर्वे में 18 से 55 वर्ष के बीच के 1,500 ऐसे कर्जदारों को शामिल किया गया, जिनकी औसत आय 30,000 रुपये प्रति माह थी। सर्वेक्षण से पता चला कि 1500 लोगों में से 50% से अधिक ने खरीदारी या अन्य क्रेडिट उद्देश्यों के लिए ईएमआई कार्ड को प्राथमिकता दी। सर्वेक्षण ‘तेजी से विकसित होने वाले उपभोक्ता उधार व्यवहार’ पर केंद्रित था। इसमें देखा गया कि सर्वे में शामिल 75% से भी ज्यादा लोग कर्ज लेने को लेकर काफी सहज हैं।उन्होंने कंज्यूमर ड्यूरेबल्स या शॉपिंग के अलावा बिजनेस संबंधी जरूरतों या होम रेनोवेशन के लिए भी कर्ज लिया है। 60% से ज्यादा लोग इंटरनेट बैंकिंग के बजाय मोबाइल बैंकिंग के माध्यम से कर्ज लेने में ज्यादा सुविधा महसूस करते हैं। इसमें बड़ी संख्या इंदौर, जयपुर, सूरत जैसे टियर 2 शहर के युवाओं की है। सर्वे में शामिल 60% क्रेडिट ग्राहकों ने एम्बेडेड फाइनेंस में दिलचस्पी दिखाई। इनका कहना है कि इससे ई-कॉमर्स की शॉपिंग को आसान ईएमआई में बदला जा सकता है। इसे चुकाने में सहूलियत होती है।

एक सर्वे में शामिल 50% से ज्यादा लोग शॉपिंग के लिए ईएमआई कार्ड का इस्तेमाल पसंद कर रहे हैं। क्रेडिट कार्ड 25% और बाय नाऊ पे लेटर (बीएनपीएल) 10% लोगों की पसंद है। कंपनी ने एक बयान में कहा कि कर्जदार बेंगलुरु (82%), पटना (74%), लखनऊ (69%), लुधियाना (68%) और जयपुर (68%) जैसे शहरों में फैले हुए हैं।

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