बदरीनाथ धाम में हार्ट अटैक से मौतों का सिलसिला जारी है. शुक्रवार को धाम में रीजनल मैनेजर गढ़वाल मंडल विकास निगम के पद पर तैनात पान सिंह बिष्ट की हृदय गति रुकने हुई मौत हो गई। शव को पोस्टमार्टम के लिए जोशीमठ ले जाया गया। बदरीनाथ में अब तक 6 लोगों की मौत हो चुकी है। बदरीनाथ धाम के कपाट 8 मई को खुले थे , इधर मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने यात्रियों से अपील की है कि बिना हेल्थ चेकअप को कोई भी चारधाम यात्रा पर न जाए।
सीएम ने कहा कि अगर आप अस्वस्थ महसूस कर रहे हों तो यात्रा पर ना जाएं। सीएम ने ये भी कहा कि चारों धामों को कोई भी वीआईपी दर्शन नहीं होंगे। सबको एक समान दर्शन करने होंगे।
उत्तराखंड में बदरीनाथ धाम में हुई जीएमवीएन के रीजनल मैनेजर की मौत के साथ धाम में मरने वालों की संख्या 6 पहुंच गई है। वहीं चारधाम यात्रा पर आए तीर्थयात्रियों की मौत का आंकड़ा खबर लिखे जाने तक 30 पहुंच गया है। इन मौतों को लेकर भारत सरकार ने भी राज्य से रिपोर्ट मांगी थी। राज्य सरकार जवाब दे भी चुकी है। हालांकि इसके बावजूद मौतों का सिलसिला जारी है।
चौंकाने वाली बात ये है कि मरने वालों में 30 साल के युवाओं से लेकर 75 साल तक के बुजुर्ग तक शामिल हैं. जानकारी के अनुसार, केदारनाथ में अब तक 11 श्रद्धालुओं की मौत हो चुकी है. बदरीनाथ में 6 गंगोत्री में 3 और यमुनोत्री में 11 श्रद्धालु अपनी जान गंवा चुके हैं.मृतकों में 30 साल आयु वर्ग के भी: आंकड़ों पर गौर करें तो 30 से 40 साल उम्र के 3 श्रद्धालुओं की जान गई है. इसी तरह 40 से अधिक और 50 तक की उम्र वाले 4 श्रद्धालुओं ने अपनी जान गंवाई है. 50 से 60 साल तक की उम्र वाले 9 श्रद्धालुओं की जान गई है. जबकि 76 साल तक के 13 मरीजों की जान गई है. सबसे ज्यादा मौतें यमुनोत्री पैदल मार्ग और केदारनाथ में हो चुकी हैं.