Flash Story
देहरादून :  मैक्स सुपर स्पेशलिटी हॉस्पिटल लिवर रोगों  को दूर करने में सबसे आगे 
जेल में बंद कैदियों से मिलने के लिए क्या हैं नियम
क्या आप जानते हैं किसने की थी अमरनाथ गुफा की खोज ?
राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु ने भारतीय वन सेवा के 2022 बैच के प्रशिक्षु अधिकारियों को दी बधाई
आग में फंसे लोगों के लिये देवदूत बनी दून पुलिस
आगर आपको चाहिए बाइक और स्कूटर पर AC जैसी हवा तो पड़ ले यह खबर
रुद्रपुर : पार्ट टाइम जॉब के नाम पर युवती से एक लाख से ज्यादा की ठगी
देहरादून : दिपेश सिंह कैड़ा ने UPSC के लिए छोड़ दी थी नौकरी, तीसरे प्रयास में पूरा हुआ सपना
उत्तराखंड में 10-12th के बोर्ड रिजल्ट 30 अप्रैल को होंगे घोषित, ऐसे करें चेक 

ब्रेन का गूगल मैप : QR कोड स्कैन कर खोलेगा तस्वीरें

आज कल मेडिकल की दुनिया में नई नई तकनीकों का आविष्कार हो रहा है। ऐसे में दिल्ली एम्स के डॉक्टर्स ने एक नई तकनीक खोज निकाली है जो गूगल मैप की तरह ही काम करेगी। दरअसल नई दिल्ली एम्स के डॉक्टर्स ने दिमाग का गूगल मैप डिवाइस बनाया है। इस डिवाइस की हेल्प से दिमाग की सारी सर्जरी सीखी जा सकती है। बता दें नई दिल्ली एम्स के न्यूरो सर्जरी के डॉक्टरों ने एक ऐसी डिवाइस तैयार कर ली है जिसके माध्यम से ब्रेन के अंदर के हिस्से की सभी जानकारी पता चल पाएगी।

आपको बता दें एम्स न्यूरोसर्जरी डिपार्मेंट के सर्जन डॉक्टर विवेक टंडन का कहना है कि इस डिवाइस के माध्यम से सर्जरी में काफी हेल्प मिल रही है। इसके साथ ही सर्जरी सिखाने वाले उन सर्जन को भी काफी सहूलियत हो रही है जो गंभीर बीमारियों की सर्जरी सीखना चाहते हैं।

किस तरह से काम करेगा ये डिवाइस

डॉ विवेक टंडन के मुताबिक एक सॉफ्टवेयर के माध्यम से ड्रिल करके इक्विपमेंट को ब्रेन के अंदर डाला जाता है और इसके साथ ही एक क्यूआर कोड होता है। क्यूआर कोड को अगर स्कैन करेंगे तो स्कैनिंग के माध्यम से ब्रेन के अंदर की सारी तस्वीर साफ नजर आती है। यह अलग-अलग सीटी स्कैन होते हैं, जो स्कैंस को एक होलोग्राम इमेज बना देता है और फिर यह ऐसा 3D इमेज तैयार होता है जिसके माध्यम से आप ब्रेन के अंदर जा सकते हैं या ब्रेन के उन जगहों के बारे में पता कर सकते हैं जो आपको सामान्यतः नहीं दिखाई देते हैं।

दिल्ली एम्स ने किया माइक्रोसॉफ्ट के साथ टाईअप

डॉ विवेक टंडन ने बताया कि इस तकनीक का यूज़ दुनिया के सबसे बेहतरीन कंपनी माइक्रोसॉफ्ट की देख रेख में किया जा रहा है और उन्ही के साथ टाइअप किया गया है। यह इस तरह का सॉफ्टवेयर डेवलप कर रहा है जब टू डी इमेज को कोलेब्रेट करके होलोग्राम बना देता है। विदेश से भी डॉक्टर्स इसे सीखने के लिए आ रहे हैं

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back To Top