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गृह प्रवेश: नए घर में प्रवेश से पहले जानें क्या कहता है ज्योतिष शास्त्र

जीवन की सबसे बड़ी और महत्वपूर्ण चीजों में से एक है अपने लिए घर बनाना। ज्योतिष शास्त्र के अनुसार नए घर में प्रवेश से पहले गृह प्रवेश की पूजा करना बहुत ही शुभ माना जाता है। बिना इसके नए घर में रहना नहीं शुरु करना चाहिए।

नए घर में पूजा-अर्चना कर प्रवेश करना शुभ माना जाता है। हिंदू धार्मिक मान्यता के अनुसार नए घर में प्रवेश करने के लिए पूजा की जाती है, जिसे गृह प्रवेश कहा जाता है। ऐसा घर में सभी बुरी शक्तियों को नष्ट करने के लिए किया जाता है। गृह प्रवेश को लेकर शास्त्रों में कई नियम बताए गए हैं, जिनका पालन करने से हमें (गृह प्रवेश नियम) लाभ मिल सकता है। इसके बारे में क्या नियम हैं? आइए जानें ज्योतिषी से –

ज्योतिष के अनुसार गृह प्रवेश तीन प्रकार का होता है। अपूर्व गृह प्रवेश का अर्थ है पहली बार घर में प्रवेश करना और द्वितीय गृह प्रवेश का मतलब व्यक्ति पुराने खरीदे हुए घर में फिर से प्रवेश करता है। वहीं तीसरे घर में प्रवेश, इसमें गृह प्रवेश उस घर में किया जाता है जिसका पुनर्निर्माण किया गया हो।

नए घर में प्रवेश कैसे करें?

1. घर में प्रवेश करते समय गणपति की स्थापना और वास्तु पूजा अवश्य करनी चाहिए।

2. पहली बार घर में प्रवेश करते समय दाहिना पैर आगे की ओर रखें। उस रात गृह प्रवेश पूजा के बाद परिवार के सदस्यों को उसी घर में सोना चाहिए।

3. वास्तु पूजा के बाद घर के मालिक को पूरे भवन का चक्कर लगाना चाहिए।

4. स्त्री को जल से भरा कलश लेकर पूरे घर में घूमना चाहिए और हर जगह फूल लगाना चाहिए।

5. गृह प्रवेश के दिन जल या दूध से भरा कलश रखें और अगले दिन मंदिर में चढ़ाएं।

6. गृह प्रवेश के दिन घर में दूध उबालना शुभ होता है।

7. घर में प्रवेश करने के बाद 40 दिन तक घर को खाली नहीं छोड़ना चाहिए। उस घर में किसी भी एक सदस्य का होना बहुत जरूरी है।

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