Head Line – हरीश रावत के घर से उठने लगा भगवा धुंआ देख कांग्रेस की आँखों में सियासी जलन तेज़

अगर अफवाह सच हो गयी और संभावना को साकार होने का मौक़ा मिल गया तो उत्तराखंड की राजनीती का सबसे बड़ा उलटफेर जल्द हो सकता है। कांग्रेस मुक्त भारत बनाने में जुटी मोदी शाह और नड्ढा की तिगड़ी उत्तराखंड में बड़ा खेल करने में सफल हो गयी तो पहाड़ में किसी धमाका से कम नहीं होगा। पहले मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी , फिर विधानसभा अध्यक्ष ऋतु खंडूड़ी , मंगलवार को भाजपा की दो महिला विधायक, पूर्व मुख्यमंत्री और कांग्रेस के वरिष्ठ नेता हरीश रावत से मिलीं। जिसके बाद अब तो खुद कांग्रेसी खेमा भी हैरान है कि हरदा कौन का पैंतरा चले वाले हैं।भाजपाइयों में हरीश रावत से मिलने की इस होड़ से  यह सवाल उठ रहा है कि राजनीतिक और वैचारिक रूप से ये कट्टर विरोधी आए दिन पूर्व सीएम के घर आखिर किसलिए आशीर्वाद लेने और फार्मूला फिर करने के लिए पहुँच रहे हैं ?इधर कांग्रेस नेता इस मुद्दे पर उनसे दूरी बनाए हुए हैं, और कई नेता तो उन पर टिकट बेचने जैसे संगीन आरोप भी लगा रहे हैं। सियासी जानकार इस बात से हैरान हैं कि अचानक भाजपा नेताओं में हरीश रावत के प्रति इतना प्रेम कैसे उमड़ रहा है। वो सहज भाव से आशीर्वाद लेने आ रहे हैं या इसके पीछे कोई सियासी राज है।मंगलवार को केदारनाथ से भाजपा विधायक शैला रानी रावत और नैनीताल की विधायक सरिता आर्य ने रावत से उनके ओल्ड मसूरी रोड स्थित आवास पर मुलाकात की। वर्ष 2016 में कांग्रेस में हुए विभाजन में शैला रावत भी कांग्रेस छोड़कर भाजपा में चली गई थीं। जबकि सरिता ने अपना टिकट कटता देख, विधानसभा चुनाव के दौरान कांग्रेस से नाता तोड़कर भाजपा से रिश्ता जोड़ लिया था।
सरिता उस वक्त महिला कांग्रेस की प्रदेश अध्यक्ष थीं। हालांकि रावत और सभी भाजपा नेता इन मुलाकातों को शिष्टाचार भेंट बता रहे हैं। लेकिन अब तक राज्य में ऐसी कोई परंपरा भी नहीं रही कि प्रतिद्वंद्वी के घर तांता ही लगा रहे। हरीश रावत ने अपने फेसबुक पेज पर भी इन मुलाकातों को शिष्टाचार भेंट बताया है।
जहां भाजपा नेता लगातार रावत से मिलने पहुच रहे हैं वहीं, हरीश रावत की अपनी पार्टी-कांग्रेस के ज्यादातर नेता उनसे दूरी बनाए हैं। देहरादून में चुनाव हारे सभी नेताओं के घर बारी बारी जा चुके प्रीतम, अभी तक रावत से नहीं मिले हैं। रावत कैंप से जुड़े नेता तो गाहे-बगाहे उनसे मिलने आ भी रहे हैं पर प्रीतम कैंप सोशल मीडिया पर रावत के खिलाफ मोर्चा खोले हुए है। तो क्या हरदा के घर से उड़ता भगवा धुंवा आने वाले दिनों में उन्हें कमल थामने पर मज़बूर कर देगा ये संभावना है पाठक इसको सिर्फ ताज़ा अफवाहों पर आधारित लेख ही मान कर पढ़ें।

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