IAS – PCS के बम्पर तबादले होंगे , सरकार तैयार कर रही लिस्ट

 

सरकार बनते ही सबसे ज्यादा संभावना ब्यूरोक्रेसी में उलटफेर की होती है। मुख्यमंत्री अपने वफादार और आज्ञापालक अधिकारीयों को चुनता है मंत्रिमंडल के सदस्य अपने हितैषी और तालमेल में बेहतर नतीजे देने वाले विभागीय सचिव और अफसर तय करते हैं। लिहाज़ा उत्तराखंड में भी अब धामी सरकार ने ताश के पत्ते निकाल लिए हैं बस इंतज़ार उन्हें फेंट कर इधर उधर एडजस्ट करने का है।

जो आईएएस पीसीएस और आईपीएस ये मान कर चल रहे थे कि उत्तराखंड के चुनाव नतीजों के बाद पुष्कर सिंह धामी का लौटना मुश्किल है या लगभग असम्भव है और वो इसी सोच के साथ काम कर रहे थे।  उनके लिए ये दौर थोड़ा मुश्किलों भरा हो सकता है , लेकिन इसके उलट ब्यूरोक्रेसी के जो सदस्य धामी सरकार के पहले कार्यकाल में वफादार और भरोसेमंद बन गए उनकी चांदी कटनी तय है।

वैसे भी राज्य बनने के बाद से ही सरकार और ब्यूरोक्रेसी की तकरार कोई नै बात नहीं है। लिहाज़ा नए कार्यकाल की शुरुआत में ही कैबिनेट मंत्रिओं ने अधिकारीयों की लगाम अपने हाँथ में लेने के लिए मोर्चा खोला तो सीएम धामी ने भी कमिटी बनाने की बात कह दी।

इन सबके बीच अब सचिवालय से लेकर तमाम विभागों में नज़र ट्रांसफर लिस्ट पर आ कर अटक गयी है क्योंकि अब सबसे ज्यादा चर्चा इसी बात पर हो रही है कि टीम सीएम में किसो शामिल किया जायेगा और कौन वनवास काटेगा।

इन उलटफेर के माहौल के बीच एक बार फिर आईएएस राधिका झा छुट्टियों से वापस आ गयी है। जबकि आईएएस एसए मुरुगेशन पांच साल की प्रतिनियुक्ति पर तमिलनाडु जाएंगे। आईएएस कैडर के दो अन्य वरिष्ठ अधिकारियों भी प्रतिनियुक्ति पर जाने की तैयारी कर रहे हैं। इस बीच शासन स्तर पर प्रशासनिक फेरबदल की घडी नजदीक आ गयी है। धामी  सरकार के गठन के बाद मुख्यमंत्री ने भी इसके संकेत दे दिए हैं।

इसमें कोई दो राय नहीं कि उत्तराखंड की नौकरशाही में बदलाव की शुरुआत सचिवालय से होगी।  एक अन्य आईएएस अधिकारी की भी प्रतिनियुक्ति पर जाने की तैयारी है। सूत्रों के मुताबिक, इन्हें लाल बहादुर शास्त्री राष्ट्रीय प्रशासनिक अकादमी (एलबीएसएनए) के संयुक्त निदेशक पद के लिए आवेदन कर दिया है।

वरिष्ठ आईएएस अपर मुख्य सचिव आनंद बर्द्धन की भी केंद्र में प्रतिनियुक्ति पर जाने की तैयारी है। उन्हें राज्य सरकार से एनओसी पहले ही प्राप्त हो चुकी है।

शासन में गैर आईएएस को तैनात करने की तैयारी

शासन में एक गैर आईएएस अधिकारी को भी तैनात करने की तैयारी है। भारतीय संचार सेवा अधिकारी दीपक गैरोला पूर्व में भी सचिव पद पर तैनात रह चुके हैं। सूत्रों के मुताबिक, गैरोला ने कार्मिक विभाग में अपनी ज्वाइनिंग दे दी है। अभी गैरोला की तैनाती आदेश नहीं हुए हैं। बता दें कि पूर्व में गैरोला की तैनाती के बाद खासी तनातनी हो गई थी।

हांलाकि तमाम काबिल और रिजल्ट देने वाले अफसर अक्सर व्यक्तिगत वजहों से या यूँ  कहें कि माननीय मंत्रियों , विधायकों या उनके पिछलग्गुओं को फूटी आँख नहीं सुहाते हैं।  लिहाज़ा उन्हें उनके काबिलियत के मुताबिक न पोस्ट मिलती है न अधिकार। उत्तराखंड में तमाम ऐसे बेहतरीन अधिकारी है जो आज किसी न किसी खुन्नस या व्यक्ति विशेष की अना से अपनी पूरी क्षमता और प्रशासनिक हुनर का इस्तेमाल नहीं कर पा रहे हैं।

ऐसे कई पीसीएस और आईएएस अधिकारी हैं जिन्हे या तो आयोगों में एडजस्ट कर दिया गया है या किसी डंप विभाग में  खपाया गया है। पुष्कर राज पार्ट टू में हांलाकि उम्मीद है कि इस बार केंद्र और पार्टी के बड़े असरदार लोगों से रायशुमारी करने के बाद ही धामी सरकार नए ट्रांसफर पोस्टिंग करेगी और काबिल अधिकारीयों के साथ हो रहे नाइंसाफी का खत्मा क्र काबिलियत का सम्म्मान होगा , क्योंकि बार बार अफसरों का विभाग बदलना और उन्हें यहाँ से वहां भेजना भी सरकार की योजनाओं और अफसरों के कामकाज के लिए मुफीद नहीं होता है। 

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