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कहीं आप भी भावनाओं की लत के शिकार तो नहीं ? जानिए ये हैं लक्षण

क्या आप जानते हैं कि आप भावनाओं के आदी हो सकते हैं और ये भावनाएं आपको अपने जीवन में आगे बढ़ने से रोकती हैं? भावनात्मक लत जेनेटिक, बिहेवियर, एटिट्यूड, रिलेशन या आध्यात्मिकता की कमी से आती है। इमोशनल एडिक्शन आदतन या मजबूरी से किसी चीज में व्यस्त या शामिल होने की स्थिति है।

इमोशन आपके अनुभवों के लिए होलोग्राफिक रिएक्शन हैं। आपके द्वारा अनुभव की जाने वाली हर एक भावनात्मक स्थिति के लिए कैमिकल होते हैं। हाइपोथैलेमस पेप्टाइड्स बनाता है जिसे वह एक सेल पर हजारों रिसेप्टर्स को भेजता है। वे इसको जोड़ते हैं और संकेत देते हैं कि हमारी सेल में क्या जाता है। आप इमोशनली सिचुएशन के आदी हो जाते हैं और जब तक हम चीजों के बारे में अपने अटैचमेंट्स, इमोशन और विश्वासों को नहीं बदलते, तब तक हम आदी बने रहते हैं।भावनाओं के प्रति आपका एडिक्शन एक समस्या

आप ही भावनाएं हैं और भावनाएं ही आप हैं। इमोशन आपके अनुभव को बढ़ाती हैं लेकिन इन भावनाओं के प्रति आपका एडिक्शन समस्या है क्योंकि वे जैव रासायनिक एडिक्शनों का निर्माण करते हैं। जब आप उन सभी भावनाओं के साथ अपने सभी अनुभवों के बारे में सोचते हैं जो आपने उनसे जुड़ी हैं – मस्तिष्क से आपकी बॉडी सेल्स तक नीचे जाने से – इसमें कोई आश्चर्य नहीं कि अपमानजनक रिश्तों, लोगों, भोजन और सेक्स को छोड़ना मुश्किल है। कोई आश्चर्य नहीं कि नशीली दवाओं और शराब का एडिक्शन, फूड एडिक्शन, जुआ एडिक्शन, और बहुत कुछ को दूर करना कठिन है।भावनात्मक लत का पता लगाने के लिए आप किसी भरोसेमंद व्यक्ति की मदद लें और अपने आप को समझें

भावनात्मक लत से बाहर आने के लिए सबसे पहले आपको अपनी भावनाओं को समझना होगा। ऐसे में यह जानने की कोशिश करें कि आप किन आदतों के शिकार हो गए हैं। तभी आप उन आदतों में बदलाव लाने पर ध्यान दे सकते हैं। इमोशनल एडिक्शन का पता लगाने के लिए आप किसी भरोसेमंद दोस्त या परिवार के सदस्य की मदद ले सकते हैं। उनसे अपने व्यवहार से जुड़े कुछ सवाल पूछें और अपने अंदर हो रहे बदलावों को जानने की कोशिश करें।

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