दुनियाभर के देशों पर मंदी का संकट मंडरा रहा है। लोग खुद को आर्थिक रूप से मजबूत करने में लग गए हैं। कंपनियां छंटनी भी कर रही हैं। किसी की भी नौकरी कभी भी जा सकती है ऐसे में आप खुद को आर्थिक रूप से मजबूत करने के लिए कौन से कदम उठा रहे हैं? यह एक बड़ा सवाल है। अगर आपके पास इसका जवाब नहीं है तो परेशान होने की जरूरत नहीं है। हम आपको आज की स्टोरी में ऐसे 5 तरीके बताएंगे, जिसकी मदद से आप मुश्किल दिनों के लिए सेविंग कर सकते हैं।
क्रेडिट कार्ड से ज्यादा दोस्ती अच्छी नहीं
आजकल घरों में दो या दो से अधिक क्रेडिट कार्ड होते हैं और घरवाले जमकर खर्च करते हैं, ये सोचे बिना कि वो पैसा ब्याज समेत उन्हें ही चुकाना है। इसलिए इस नए साल पर प्रण कर लीजिए कि इस तरह के खर्च से खुद को बचाना है। जरूरत की चीजें ही क्रेडिट कार्ड से खरीदें। हो सके तो डेबिट कार्ड का यूज कीजिए। इससे आप अतिरिक्त खर्च करने से बचेंगे।
अपने लिए नए तरह का बजट बनाएं
हर महीने घर पर खर्च के लिए बजट बनाना और लिस्टिंग करना दोनों अलग-अलग चीजें है। लिस्टिंग यानी जरूरत, आराम और लग्जरी। सबसे पहले जरूरी चीजें जिनके बिना घर चलना संभव नहीं है, उसकी लिस्ट बना लीजिए और उसका पैसा अलग कर लीजिए। फिर जो पैसा बचता है, उससे लिस्टिंग के बारे में सोचिए। लिस्टिंग के लिए खर्च करते वक्त इस बात का ध्यान देना जरूरी है कि क्या उसके लिए खर्च करना आवश्यक है। अगर है तभी खर्च कीजिए अन्यथा आप उसे सेविंग के लिए निकाल दीजिए। आप उस बचे हुए पैसे से एक लंपसम कर लीजिए। यह आपको एक अच्छा रिटर्न भी आने वाले समय में दे देगा।
कर्ज लेकर खर्च करने पर लगाम जरूरी
कर्ज लेकर घी पीने की बात बड़े बुजुर्ग किया करते थे, लेकिन ये आज के समय में सौ फीसदी सही होती दिख है। नए जमाने में क्रेडिट कार्ड, पर्सनल लोन जैसी चीजें यहीं है जो आपको उकसाती हैं कि लग्जरी कार लो, पैसे बाद में चुका देना। लेकिन पैसे चुकाए कहां से जाएंगे, ये नहीं बताया जाता। छिपे हुए टर्म & कंडीशन और भारी भरकम ब्याज के चलते हम काफी सारा पैसा बेवजह की चीजों में खर्च कर डालते हैं और बाद में पछताते हैं। कई बार ऐसी चीजें खरीद ली जाती हैं जो साल में एक या दो बार काम आती हैं। मल्टीपर्पस चीजें जो रूप रंग बदल कर उपयोग में लायी जाएं, ऐसी चीजों पर इन्वेस्ट कीजिए।
जेब में हाथ डालने से पहले एक बार सोचिए
जब भी आप खर्च के लिए जेब या बैंक अकाउंट में हाथ डालें तो एक बार सोचिए, क्या ये वाकई जरूरी है? आप दो बार सोचेंगे और अगर वाकई जरूरी होगा तो ही खर्च करेंगे। ऐसा करने से आपकी गैर जरूरी खर्च करने की आदत पर विराम लगेगा और आप समझदारी से खर्च करने और सेव करने में माहिर हो जाएंगे।