विशेष रिपोर्ट – आशीष तिवारी
सियाचिन ग्लेशियर में लैंड स्लाइडिंग से हवलदार जगेंद्र सिंह शहीद
शहीद का पार्थिव शरीर 23 फरवरी तक दून पहुंचने की उम्मीद
शहीद जगेंद्र सिंह चौहान सियाचिन ग्लेशियर में तैनात थे
जगेंद्र सिंह चौहान 25 फरवरी को घर आने वाले थे
जगेंद्र सिंह चौहान के शहीद होने की सूचना पर गांव में शोक सैन्यधाम उत्तराखंड के जांबाज सैनिक मुल्क की सरहदों पर तिरंगे की सुरक्षा और शान को बनाये रखने के लिए आये दिन अपने प्राण न्योछावर करते रहते हैं। इस सबसे बड़े बलिदान की अनगिनत शौर्य गाथाएं पहाड़ पर शान से बताई और सुनाई जाती हैं। अब इसी कड़ी में एक और लाल का नाम जुड़ गया है। सियाचिन ग्लेशियर में लैंड स्लाइडिंग होने से कन्हरवाला निवासी 325 लाइट एडी हवलदार जगेंद्र सिंह चौहान शहीद हो कर मातृभूमि की सेवा में बलिदान होने वालों में शामिल होकर अमर हो गए हैं। इस बहादुर शहीद का पार्थिव शरीर 23 फरवरी को उनके घर पहुंचेगा लेकिन खबर मिलते ही शहीद जगेंद्र सिंह के गांव में शोक का माहौल है।आपको बता दें कि पेट्रोलिंग के दौरान लैंड स्लाइडिंग होने के कारण जगेंद्र सिंह शहीद हो गए। जगेंद्र सिंह चौहान 25 फरवरी को घर आने वाले थे। उनके शहीद होने की सूचना मिलते ही पत्नी किरण चौहान और माता विमला चौहान गहरे सदमे में हैं। करीब चार साल पहले उनका विवाह हुआ था। मूलरूप से भनस्वाड़ी, थत्यूड़ ब्लॉक, टिहरी गढ़वाल के रहने वाले थे जो 2007 से कन्हरवाला भानियावाला में निवास कर रहे थे। शहादत देने वाले ऐसे जांबाज़ को टीवी न्यूज़ वायरस विनम्र श्रद्धांजलि देता है।
शहीद का पार्थिव शरीर 23 फरवरी तक दून पहुंचने की उम्मीद
शहीद जगेंद्र सिंह चौहान सियाचिन ग्लेशियर में तैनात थे
जगेंद्र सिंह चौहान 25 फरवरी को घर आने वाले थे
जगेंद्र सिंह चौहान के शहीद होने की सूचना पर गांव में शोक सैन्यधाम उत्तराखंड के जांबाज सैनिक मुल्क की सरहदों पर तिरंगे की सुरक्षा और शान को बनाये रखने के लिए आये दिन अपने प्राण न्योछावर करते रहते हैं। इस सबसे बड़े बलिदान की अनगिनत शौर्य गाथाएं पहाड़ पर शान से बताई और सुनाई जाती हैं। अब इसी कड़ी में एक और लाल का नाम जुड़ गया है। सियाचिन ग्लेशियर में लैंड स्लाइडिंग होने से कन्हरवाला निवासी 325 लाइट एडी हवलदार जगेंद्र सिंह चौहान शहीद हो कर मातृभूमि की सेवा में बलिदान होने वालों में शामिल होकर अमर हो गए हैं। इस बहादुर शहीद का पार्थिव शरीर 23 फरवरी को उनके घर पहुंचेगा लेकिन खबर मिलते ही शहीद जगेंद्र सिंह के गांव में शोक का माहौल है।आपको बता दें कि पेट्रोलिंग के दौरान लैंड स्लाइडिंग होने के कारण जगेंद्र सिंह शहीद हो गए। जगेंद्र सिंह चौहान 25 फरवरी को घर आने वाले थे। उनके शहीद होने की सूचना मिलते ही पत्नी किरण चौहान और माता विमला चौहान गहरे सदमे में हैं। करीब चार साल पहले उनका विवाह हुआ था। मूलरूप से भनस्वाड़ी, थत्यूड़ ब्लॉक, टिहरी गढ़वाल के रहने वाले थे जो 2007 से कन्हरवाला भानियावाला में निवास कर रहे थे। शहादत देने वाले ऐसे जांबाज़ को टीवी न्यूज़ वायरस विनम्र श्रद्धांजलि देता है।