1 लाख की नकदी मालिक को लौटाई
क्या आप यकीन करेंगे कि करारे नोट को देखकर किसी का मन न डोले , वो भी तब जब वो गड्डियां लावारिस हों और उसका कोई मालिक नज़र न आ रहा हो। लेकिन जनाब यही तो उत्तराखंड मित्र पुलिस की खूबी है जो देवभूमि में अक्सर लोगों का दिल जीत लेते हैं। इन दिनों चार धाम यात्रा चल रही है और लाखों श्रद्धालु धामों में पहुँच रहे हैं चमोली पुलिस की ये दिल खुश कर देने वाली खबर बद्रीनाथ से आयी है।
सीनियर पुलिस अफसर प्रमेन्द्र डोबाल एसपी चमोली की ज़िम्मेदारी निभाते हुए चार धाम यात्रा के लिए मुस्तैद हैं और अपनी टीम के साथ ग्राउंड पर उत्तर क्र श्रद्धालुओं की सुरक्षा कर सहयोग के लिए सक्रिय हैं। उन्होंने चमोली पुलिस की टीम को अपने कर्तव्यों का निर्वहन करने के साथ-साथ मानवीय कार्यों में भी बढ़-चढ़कर निस्वार्थ भाव से कार्य करने का निर्देश दिया है। इसी कड़ी में चौकी हनुमानचट्टी में ड्यूटी पर नियुक्त आरक्षी धर्मेन्द्र, आरक्षी कुंवर व हो0गा0 सत्येन्द्र को हनुमानचट्टी मन्दिर के बाहर एक लेडिज पर्स मिला। पुलिस कर्मियो द्वारा पर्स के सम्बन्ध में आसपास पूछताछ की गयी तो काफी ढूँढखोज करने पर भी पर्स स्वामी का कोई पता नहीं चल पाया।
पुलिस कर्मियों के द्वारा पर्स की तलाशी ली गयी तो उसमें ₹ 1,21000/-(एक लाख इक्कीस हजार रुपये) की नगदी व होटल की एक चाबी मिली, अन्य कोई कागजात न मिलने के कारण पर्स स्वामी की पहचान नहीं की जा सकी, इसके बाद पुलिस कर्मियों द्वारा होटल की चाबी के सम्बन्ध में स्थानीय लोगों व वाहन चालकों से पूछताछ की गयी तो ज्ञात हुआ की उक्त चाबी गोविन्दघाट के एक होटल की है। पुलिस कर्मियों के द्वारा होटल स्वामी से पूछताछ कर यात्रियों के मोबाइल नम्बर लेकर जब उनसे बात की गयी तो उक्त पर्स बीना बहन अरविन्दभाई साधु पत्नी श्री साधु भरत कुमार रामदास निवासी गुजरात का होना पाया गया। जिन्हें चौकी हनुमामचट्टी बुलाकर पर्स सकुशल उनके सुपुर्द किया गया।
बीना बहन अरविन्दभाई साधु द्वारा बताया गया की वे सुबह गोविन्दघाट से श्री बद्रीनाथ जी के दर्शन हेतु जा रहे थे तो हनुमानचट्टी में हनुमान मन्दिर के दर्शन के दौरान भूलवश उनका पर्स मन्दिर के बाहर ही छूट गया था। अपने पर्स को सकुशल पाकर बीना बहन व उनके साथियो के द्वारा चमोली पुलिस की ईमानदारी व कर्तव्यनिष्ठता को सलाम करते हुए पुलिस कर्मियों का धन्यवाद दिया गया। अगर आप भी आम ज़िंदगी में ऎसी किसी परिस्थिति से दो चार होते हैं तो मित्र पुलिस की तरह मानवता और ईमानदारी का उदाहरण ज़रूर बनिये ।