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तरह जून को  कंट्रोल रूम थाना क्लेमेंटाउन को सूचना मिली कि टर्नर रोड पर स्थित एक घर से काफी बदबू आ रही है जिसके अन्दर सम्भवतः किसी का शव पड़ा हुआ हैं, इस सूचना पर थानाध्यक्ष क्लेमेंट टाउन मय फोर्स के मौके पर गए तो पाया कि टर्नर रोड सी- 13 में मकान मालिक सोहेल निवासी जोशियाड़ा उत्तरकाशी के मकान में काशिफ पुत्र मोहतशिम निवासी चहलोली थाना नागल जिला सहारनपुर अपनी पत्नी अनम के साथ पिछले 4 महीने से निवास कर रहा था, जिसके कमरे के एक दरवाजे पर बाहर से ताला लगा था तथा दूसरे दरवाजे पर अंदर से कुंडी बंद थी।  मौके पर दरवाजे की जाली काटकर कुंडी खोली गई तो कमरे के फर्श पर मृतक पति-पत्नी की बॉडी पड़ी थी, जिनसे काफी बदबू आ रही थी तथा दोनों बॉडी लगभग दो-तीन दिन पुरानी लग रही थी।

मौके पर एफ0एस0एल टीम को बुलाया गया था,  टीम द्वारा दोनों बॉडी को भली-भांति चेक किया गया लेकिन दोनों  मृतकों  के शव काफी फूल चुके थे, जिनमें कीड़े पड़ गए थे, जिस कारण  शरीर पर आई चोट का पता नही चल पा रहा था। दोनों मृतकों के बीच में एक छोटा बच्चा जो चार-पांच दिन का था, वह जीवित था।  बच्चे को तुरंत निकालकर 108 एंबुलेंस के माध्यम से दून चिकित्सालय भिजवाया गया। मृतकों के परिजनों के समक्ष पंचायतनामा भरकर दोनों शवों को पोस्टमार्टम हेतु भेजा गया । मृतक के परिजनों से पूछताछ करने पर जानकारी मिली कि मृतक कि 1 साल पहले ही दूसरी शादी हुई थी तथा पहली पत्नी से उसका एक 5 साल का बच्चा है। पहली पत्नी नुसरत ने बताया कि पिछले दो-तीन दिन से मेरे पति फोन नहीं उठा रहे थे और फिर उनका फोन बंद हो गया तो दिनांक 13/06/23 को समय 2:00 बजे में टर्नर रोड़ पर उक्त मकान पर आई थी लेकिन जब उनके दरवाजे बंद मिले तो मेरे द्वारा अपने सास व देवर को इस सम्बन्ध में बताया गया  तत्पश्चात उनके द्वारा मृतक के परिचित अस्वद को सूचना देकर  मौके पर बुलाया, जिसके द्वारा मौके से 112 कंट्रोल रूम को घटना के सम्बन्ध में सूचना दी गई।

परिजनों व पहली पत्नी से जानकारी की गई तो उसके द्वारा बताया गया कि मृतक काशिफ से  उनकी आखिरी बार बात 10 जून को रात्रि लगभग 11:00  – 11:30 बजे हुई थी तो मृतक  द्वारा बताया गया था कि वह कल गांव आयेगा क्योंकि उसके द्वारा किसी से ₹ 500000/-  उधार लिए थे जो उसको वापस करने थे क्योंकि उनके द्वारा उसे 10 जून का समय दिया गया था तथा इससे पूर्व भी वह दो बार समय ले चुका था। प्रथम दृष्टया मृतक के परिजनों द्वारा दोनों का आत्महत्या करना बताया गया था तथा किसी पर भी कोई शक नहीं जताया गया था, लेकिन फिर भी घटना संदिग्ध प्रतीत होने पर पुलिस द्वारा अपनी जांच जारी रखी गई थी ।

घटना की गंभीरता को देखते हुए पुलिस उपमहानिरीक्षक/ वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक द्वारा  पुलिस अधीक्षक अपराध तथा पुलिस अधीक्षक नगर एवं पुलिस उपाधीक्षक सदर को घटना के संबंध में जांच कर मृत्यु के सही कारणों की जानकारी करने हेतु निर्देशित किया गया था, जिस पर थानाध्यक्ष क्लेमेंट टाउन द्वारा उक्त संबंध में टीम गठित कर लगातार घटनास्थल के आसपास लोगों से जानकारी की जा रही थी तो जानकारी करने पर पता चला कि दिनांक 12/13 जून की रात्रि एक सफेद रंग की कार घटनास्थल पर आती-जाती देखी गई थी, जिस पर घटनास्थल स्थल के आसपास लगे सीसीटीवी कैमरों से जानकारी मिली की दिनांक 12/13 जून की रात्रि में गाड़ी नंबर UK07DG 4786 घटनास्थल पर आई थी और तुरंत वापस चली गई थी।

मृतकों  के परिजनों से उक्त वाहन के बारे में जानकारी की गई तो पता चला उक्त वाहन अस्वद का है।  जिसके द्वारा दिनांक 13/06/23 को कंट्रोल रूम को घटना के सम्बन्ध में  जानकारी दी गई थी। जिस पर अस्वद से जानकारी की गई तो उसके द्वारा बताया गया कि मेरी कार दिनांक 12 /13 की रात्रि को सहवाज लेकर गया था, जब मेरे द्वारा शहवाज को रात्रि 1:30 बजे लगभग फोन किया तो उसका फोन बंद आ रहा था और फिर वह उसी रात में सुबह 4:00 बजे वापस आ गया था तो मैंने उससे जानकारी की तो उसने बताया मैं छुटमलपुर पार्टी में गया था, जिस पर मृतकों के परिजनों द्वारा मृतका अनम के भाई शहवाज पर शक जताया गया और एक शिकायती प्रार्थना पत्र दिया गया,

 
 
 
 जिस पर बाद जांच दिनांक 21 जून को शहवाज के खिलाफ मु0अ0स0 71/23 धारा 302 IPC के तहत मुकदमा पंजीकृत किया गया । अभियोग में नामजद अभियुक्त शहवाज को पुलिस द्वारा पुछताछ हेतु थाने लाया गया जिससे सख्ती से पुछताछ करने पर उसके द्वारा अपना जुर्म कबूल करते हुए दिनांक 10/06/23 की रात्रि में आशिफ व अपनी बहन अनम की हत्या किया जाना स्वीकार किया गया। अभिय़ुक्त की निशानदेही पर पुलिस द्वारा घटना के समय अभियुक्त द्वारा पहने गये खून लगे कपड़े आशारोड़ी के जंगल से बरामद किये गये। अभियुक्त को मौके से गिरफ्तार किया गया जिसे समय से मा0 न्यायालय के समक्ष पेश किया जायेगा।

पूछताछ में अभियुक्त शहवाज द्वारा बताया गया कि हम दो भाई तथा एक बहन है।  सबसे बड़े भाई का नाम शादाब है फिर मेरी बहिन अनम है और फिर मैं हूं। मेरी माता का नाम शहनाज है जो हमें छोड़कर कहीं चली गई थी और  किसी दूसरे से शादी कर ली थी तब हम भाई बहिन छोटे थे, फिर मेरे पिताजी द्वारा हमारा पालन-पोषण किया था मेरे पिता भी हाइड्रा चलाते थे, जिनकी मृत्यु 8-10 साल पहले हाइड्रा मशीन के नीचे दबने से हो गई थी लेकिन मुझे पता चला था कि असजद ने मेरे पिता को जानबूझकर हाइड्रा से टक्कर मारकर मारा था जिसे Accident बताया था , असजद हमारे गांव का रहने वाला है तथा कासिफ के ताऊ का लड़का है लेकिन उस समय हम छोटे थे तो कुछ नहीं कर पाये, हमारी दादी ने हम तीनों भाई बहनों का  पालन पोषण किया, कासिफ भी मेरे गांव का ही रहने वाला था जिसकी दोस्ती हम दोनो भाईयों से थी तथा उसका हमारे घर आना जाना था, 

 
 
 
इसी बीच मेरी अपनी खाला (मौसी) की लड़की आईशा जो कराल्टी थाना फतेहपुर जिला सहारनपुर की रहने वाली है, के  साथ दोस्ती हो गई , वह उस समय 8 या 9 वी क्लास में पढती थी फिर हम दोनो में प्यार हो गया और मैं उसे अगस्त 2021 में भगाकर इलाहाबाद ले गया था.वो उस समय नाबालिग थी जिस कारण हमारी शादी नही हो पाई थी।  फिर आईशा के घर वालों ने मेरे तथा मेरे बड़े भाई व  कासिफ के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर दिया था क्य़ोकि कासिफ भी मेरे साथ था उसने भी लडकी भगाने मे मेरी मदद की थी  उसके बाद मुझे और मेरे बड़े भाई को पुलिस ने गिरफ्तार कर जेल भेज दिया था जहां में आठ महिने जेल मे रहा तथा अभी जमानत पर बाहर आया हुं जब मैं और मेरा बड़ा भाई जेल में थे तो इस दौरान मेरी बहिन घर पर अकेली थी तथा कासिफ का घर पर आना जाना ज्यादा हो गया था ।

जब मैं जेल से बाहर आया तो मुझे गांव वालो ने कासिफ और मेरी बहन अनम की सारी बातें बताई तो मैंने कासिफ को घर में आने से मना कर दिया था क्योंकि कासिफ की हरकत कुछ ठीक नहीं थी उसने मेरी बहन को अपने प्यार में फंसा दिया था ,और उसकी अश्लील वीडियो भी बना दी थी, जिस कारण जैसे वह कहता था वैसी मेरी बहन करती थी जबकि कासिफ की पहले  शादी हो रखी थी कुछ समय बाद कासिफ मेरी बहन को भगा कर ले गया और कोर्ट में उससे  शादी कर ली । इस सम्बन्ध में मेरे भाई की तरफ से नागल थाने में रिपोर्ट दर्ज करायी गयी थी पर  मेरी बहन से हमारे खिलाफ वीडियो और आडियो बनाकर गांव वालों को भेज दी थी जिसमें मेरी बहन हमारे खिलाफ बयान दे रही थी कि मुझे अपने भाईयों से जान को खतरा है। 

 
 
 
उसके बाद पुलिस मेरी बहन को नागल लेकर आया जहां से उसे मेरे मौसा के सुपुर्द किया गया था मेरे मौसा ने उसका निकाह कासिफ से करा दिया क्योंकि मेरा मौसा भी हमारे खिलाफ था क्योकिं मै अपने मौसा की लड़की आयशा को भगाकर ले गया था , कासिफ और अनम के निकाह से गांव में हमारी काफी बेज्जती हुई थी तथा मुझे पता चला कि कासिफ ने ही अनम को हमारे खिलाफ भड़का कर वो विडियो और ऑडियो बनायी थी  जिस कारण मैंने उसी दिन सोच लिया था कि कासिफ को जिंदा नहीं छोडूंगा , उसके बाद  मैने कासिफ से फिर दोस्ती कर ली और उसके घर मेरा आना जाना शुरु कर दिया इसी बीच मुझे गांव में लोगों द्वारा बताया कि मेरी बहन अनम के नाम से जो 3 बीघा जमीन थी, वह भी कासिफ ने  कुछ दिन पहले गिरवी रखवा ली थी और गांव में यह बात फैला दी कि आधे पैसे उसने हमे दिये और आधे खुद रखे ,वह बार बार गांव में हमारी बेइज्जती करवा रहा था ,
 
 
 
मै कई दिनों से उसे मारने के लिए मौका तलाश रहा था कि दि0 7/06/23 को कासिफ ने मुझे उत्तरकाशी में अपनी  हाइड्रा मशीन पलटने तथा उसके साथ उत्तरकशी चलने की बात कहीं जिस पर मैं दिनांक 07/6/23 को उसके साथ अपनी मोटरसाइकिल सं0 यूके 17 क्यू -3190 R-1-5  से सहारनपुर से देहरादून आया था देहरादून से स्विफ्ट डिजायर से हम दोनो दि0 7/6/23 की रात लगभग 10-11 बजे देहरादून से उत्तरकाशी के लिये निकले उत्तरकाशी पहुंचने पर कासिफ को अनम ने फोन कर बताया कि उसे दर्द उठ रहा हैं फिर कासिफ ने मोहल्ले की आशा को फोन कर उसके साथ अनम को अस्पताल  भेज दिया और हम भी उत्तरकाशी  से वापस देहरादून आ गये थे उस दिन भी में कासिफ को मारने की फिराक में था , 
 
 
लेकिन उस दिन अनम को पता था कि कासिफ मेरे साथ गया है ,उसके बाद मैं वापस अपने गांव चला गया । गांव के सभी लोग मेरे मामा बनने की तरह तरह की बाते बना रहे थे जिससे मैं और अधिक गुस्से में आ गया था, दिनांक 09/06/23 को कासिफ ने मुझे फोन कर 10 जून को उत्तरकाशी चलने की बात कहीं जिस पर मैंने उसे इस बार मारने की ठान ली। दिनांक 10/6/23 को समय लगभग 8.30 बजे मैं गणेशपुर मोहंड साइट पर अपने दोस्त के  कमरे में चला गया जहां मेने अपना फोन बंद कर दिया था और लगभग 9.30 बजे में कासिफ के कमरे पर पहुचा । रात्री के समय कासिफ और मैं जमीन पर सो गये तथा अनम ऊपर बेड मे सो गई थी, मेरे दिमाग मे पुरानी सारी बातें चल रही थी तो मै सोय़ा नही था। रात्री में मैं मौका देख कर किचन मे गया, और वहां से एक चाकू लाकर जमीन पर सोये कासिफ की गर्दन पर उससे वार कर दिया,  जिससे वह बेसूध हो गया और उसकी गर्दन से काफी खून बहने लगा। इसी बीच अनम उठ गयीं और चिल्लाने लगी, जिस पर मेने एक हाथ से उसका मुंह दबा कर दूसरे  हाथ से उसका गला दबा दिया, जिससे वह भी मर गयी थी फिर मैने उसको भी नीचे जमीन पर लेटा दिया और दीवार पर जो खून लगा था उसे साफ किया और बच्चे को भी कासिफ के दोनो पांव के बीच मे रख दिया था, 
 
 
 
मैने सोचा था कि बच्चा खुद मर जायेगा।  उसके बाद मेने अपने कपड़े बदले और कमरे के बाहर ताला लगाकर मैं वहां से वापस अपने दोस्त के कमरे मे आ गया।  रास्ते में मैंने आशारोड़ी के जंगलों  में खून लगे हुए कपड़े एक पन्नी में बांधकर फेंक दिये, फिर मेने अपने दोस्त शुभम, जो मुझे जेल मे मिला था,  को घटना के बारे में बताया तथा दिनांक 12/6/23 को शुभम को लेकर मैं अस्वद की गाड़ी से दोबारा टर्नर  रोड से होते हुए काशिफ के कमरे पर आये और  ताला खोलकर देखा तो काफी बदबू आ रही थी और बाडी फूल गयी थी, तो फिर हम दोनो तालाबंद कर के वहां से मिर्जापुर वाले रास्ते से बेहट होते हुए सुबह 4 बजे लगभग गणेशपुर साईट पर कमरे में पहुंच गए जहां अस्वद जगा हुआ था, अस्वद के पूछने पर मैंने उसे  छुटमलपुर पार्टी में जाना बताया उसके बाद मै सहारनपुर चला गया था ।

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